समर्पित नक्सलियों की नसबंदी खुलवा रही है पुलिस, नक्सल संगठन में अनिवार्य थी नसबंदी!

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समर्पित नक्सलियों की नसबंदी खुलवा रही है पुलिस, नक्सल संगठन में अनिवार्य थी नसबंदी!

छत्तीसगढ़ के आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पुलिस रीवर्स वसैक्टमी ऑपरेशन (नसबंदी खुलवाना) करवा रही है। कांकेर जिले में पिछले कुछ सालों में सैकड़ों नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नौकरी, आवास तथा अन्य सुविधाएं दी


समर्पित नक्सलियों की नसबंदी खुलवा रही है पुलिस, नक्सल संगठन में अनिवार्य थी नसबंदी!
छत्तीसगढ़ के आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पुलिस रीवर्स वसैक्टमी ऑपरेशन (नसबंदी खुलवाना) करवा रही है। कांकेर जिले में पिछले कुछ सालों में सैकड़ों नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नौकरी, आवास तथा अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। पुनर्वास नीति के तहत ही सरकार उनकी नसबंदी खुलवाने का काम भी कर रही है।
जिले में अब तक करीब 6 नक्सलियों की रीवर्स वसैक्टमी ऑपरेशन पुलिस करा चुकी है। जिसमें एक नक्सल दंपत्ति सोनसाय व सामो कोर्राम के घर किलकारी भी गूंजी है। पुलिस मानती है कि इससे नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी।
कांकेर पुलिस अधीक्षक कन्हैयालाल ने कहा कि नक्सल संगठन में विवाह करने की अनिवार्य शर्त है नसबंदी कराना। आमतौर पर पुरुष नक्सलियों का वसैक्टमी ऑपरेशन किया जाता है। महिलाओं में इस तरह के ऑपरेशन के मामले अब तक सामने नहीं आए हैं। पुलिस ऐसे आत्मसमर्पित नक्सलियों की सूची बना रही है। जिन्होंने संगठन में पूर्णकालिक पदों पर काम किया है और विवाहित हैं। नसबंदी कराने वाले पुरुष आमतौर पर संकोच के कारण सामने नहीं आते। पुलिस अधीक्षक कन्हैयालाल ने बताया कि पुलिस लगातार आत्मसमर्पितों की काउंसिलिंग कर रही है ताकि वह शर्म छोडर विवाहित जीवन में पूरी तरह आने को तैयार हो पाएं. साथ ही इन्हें रायपुर भेजकर रिवर्स वसैक्टमी ऑपरेशन कराया।
नक्सल कैंप में छापे के दौरान पुलिस को अक्सर बड़ी मात्रा में गर्भनिरोधक दवाइयां, कंडोम आदि मिलते हैं। सवाल उठता है कि अगर पुरुषों की नसबंदी होती है तो इन दवाइयों की जरूरत उन्हें क्यों पड़ती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि नक्सल संगठन में स्थानीय आदिवासियों को तो नसबंदी कराना होता है, जबकि उनके बड़े नेता ऑपरेशन नहीं कराते और गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करते हैं।
नक्सल संगठन द्वारा माह फरवरी वर्ष 2011 में इसका विवाह रावघाट एरिया कमेटी अंतर्गत प्लाटून नम्बर 25 सेक्शन नक्सली सदस्या सामो मंडावी पिता लालू राम मंडावी उम्र 28 वर्ष साकिन आलपरस थाना कोयलीबेड़ा से हुआ था। विवाह पूर्व माओवादियों द्वारा संगठन के नियमों को हवाला देते हुये सोनसाय कोर्राम उर्फ सोनू कोर्राम का जबरन नसबंदी ऑपरेशन करा दिया गया ताकि ये बच्चे पैदा न कर पाये व पारिवारिक सुख से वंचित रहे, आत्मसमर्पण उपरांत छत्तीसगढ़ शासन पुर्नवास नीति के तहत पुलिस अधीक्षक कांकेर के निर्देश पर वर्ष 2016 में सोनसाय उर्फ सोनू कोर्राम का मेडिकल कालेज रायपुर के माध्यम से रायपुर में नसबंदी खुलवाने ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफल रहा जिसके उपरांत सोनसाय कोर्राम व सामो कोर्राम का नक्श कोर्राम उम्र 02 वर्ष का एक पुत्र है।
-सांकेतिक तस्वीर