धूमधाम से निकला रामडोल का जुलूस

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

धूमधाम से निकला रामडोल का जुलूस

ठाकुरद्वारा (इफ्तखार अर्शी)। नगर में रामडोल का जुलूस धूमधाम से निकाला गया। सुंदर झांकियों के साथ कलाकारों ने खूब नृत्य किया। जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। रामलीला ग्राउंड से रामडोल जुलूस का पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह ने शुभारंभ किया। पूजा अर्


धूमधाम से निकला रामडोल का जुलूस
ठाकुरद्वारा (इफ्तखार अर्शी)। नगर में रामडोल का जुलूस धूमधाम से निकाला गया। सुंदर झांकियों के साथ कलाकारों ने खूब नृत्य किया। जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया।

रामलीला ग्राउंड से रामडोल जुलूस का पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह ने शुभारंभ किया। पूजा अर्चना के बाद सुंदर झांकियों से सुसज्जजित रामडोल का जुलूस बड़ा बाजार, हरिहर मंदिर, तहसील गेट, कोतवाली, बुध बाजार होकर बाजार गंज में समाप्त हुआ।

इसमें रामलीला कमेटी की ओर भगवान श्रीकृष्ण, खाकेश्वर मंदिर से श्री गणेश, शिव शक्ति मंदिर की ओर से हनुमान जी, देशभक्ति संगठन माता मंदिर की ओर से राधा-कृष्ण, जोशी धर्मशाला की ओर से शिव-पार्वती, कश्यप धर्मशाला से भगवान गणेश की झांकिया निकाली गई। इसमें दुर्गा मंदिर की ओर से कलाकार करत दिखाते चल रहे थे तो शिव मंदिर बंजारान की ओर से कलाकारों ने शिव-पार्वती का नृत्य किया। सिद्धि विनायक संगठन की ओर से बैंडबाजा की व्यवस्था की गई। हरिहर मंदिर की ओर से कलाकारों ने राधा-कृष्ण और शिव पार्वती का नृत्य किया।

श्रीराम मंदिर की ओर से राधा-कृष्ण की झांकी निकाली गई। रतूपुरा के बबलू दास की ओर से शिव पार्वत की झांकी शामिल हुई। वार्ड-2 के मंदिर की ओर से शिव पार्वती का मनमोहक नृत्य दिखाया गया। होलिका मंदिर की ओर से झांकी में कृष्ण अर्जुन को दर्शाया गया। वाल्मीकि शिव मंदिर की ओर से महाकाल की झांकी निकाली गई।

चेयरमैन हाजी लियाकत हुसैन, रवि प्रकाश अग्रवाल और अनुराग सिंघल ने वाल्मीकि समाज की झांकी को प्रथम, शिव शक्ति मंदिर बाजारान की झांकी को द्वितीय और हरिहर मंदिर की झांकी को तृत्य पुरस्कार दिया। जुलूस में पूर्व आई जीवन चंद पांडेय, अवनीश शर्मा, शिवेंद्र गुप्ता, दिनेश पूठिया, नरेंद्र सिंह, संजीव सिंघल, राकेश चंद्र सर्राफ, रनवीर सिंह, पंकज गुप्ता, अशोक गहलौत, अंकित शर्मा, अशोक सक्सेना, नरेंद्र पाल सिंह, कमलेश अग्रवाल, सुनील शर्मा, सुनील पूठिया, पवन पुष्पद, विशाल पूठिया आदि थे।