रिसर्च में हुआ खुलासा- बिना RO के पानी को फिल्टर करेगा ये पौधा...

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रिसर्च में हुआ खुलासा- बिना RO के पानी को फिल्टर करेगा ये पौधा...

आमतौर पर दूषित पानी को पीने लायक बनाने के लिए पानी को ट्रीट किया जाता है. घरों में पानी को फिल्टर करने के लिए आरओ लगाए जाते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से भी पानी को फिल्टर किया जा सकता है. प्रकृति ने खुद ऐसी व्यवस्थ


रिसर्च में हुआ खुलासा- बिना RO के पानी को फिल्टर करेगा ये पौधा...
आमतौर पर दूषित पानी को पीने लायक बनाने के लिए पानी को ट्रीट किया जाता है. घरों में पानी को फिल्टर करने के लिए आरओ लगाए जाते हैं.

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से भी पानी को फिल्टर किया जा सकता है. प्रकृति ने खुद ऐसी व्यवस्था की है कि दूषित पानी को साफ किया जा सकता है.

दूषित पानी में कई तरह के जहरीले तत्व मिले होते हैं. लेकिन सबसे खतरनाक है आर्सेनिक. आर्सेनिक इतना जहरीला होता है कि पानी में इसके मिले होने की वजह से कैंसर जैसी भयानक बीमारी तक हो सकती है. देश में कई ऐसे इलाके हैं, जहां आर्सेनिकयुक्त पानी पीने से लोग बीमार हो रहे हैं.

खासतौर पर गंगा के मैदानी इलाकों के भूजल में आर्सेनिक पाया जाता है. आमतौर पर ऐसे इलाकों में पानी को ट्रीट करके उसे पीने लायक बनाया जाता है. लेकिन ट्रीटमेंट की प्रक्रिया काफी खर्चीली होती है.

पानी से आर्सेनिक निकालने की एक बिल्कुल प्राकृतिक प्रक्रिया के बारे में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है. नए शोध में एक ऐसे पौधे के बारे में पता लगाया गया है, जो पानी से आर्सेनिक को सोख लेता है.

पानी से आर्सेनिक निकालने की ये बिल्कुल प्राकृतिक और सस्ती प्रक्रिया है. जादवपुर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एनवायरमेंटल स्टडीज ने शोध किया है. शोध में पता चला है कि जलीय पौधा पिस्टिया स्ट्रैटियोटिस पानी से आर्सेनिक सोखने की क्षमता रखते हैं. ये पौधे पानी से बड़ी मात्रा में आर्सेनिक सोख सकते हैं.

रिसर्च में पता चला है कि पिस्टिया स्ट्रैटियोटिस पानी से आर्सेनिक को सोखकर बायोरेमेडिएशन करता है. इसके पौधे के मेटाबोलिज्म में भी बदलाव आता है. ये आर्सेनिक की मात्रा के साथ बदलता रहता है. इसी बदलाव से ये पता चलता है कि पौधे ने कितनी मात्रा में आर्सेनिक सोखी है.

न्यूज़ १८ की रिपोर्ट के अनुसार जादवपुर विश्वविद्यालय के शोध में कहा गया है कि ऐसे कई जलीय पौधे हैं, जो आर्सेनिक, पारा और फ्लोराइड जैसे पानी में मिले होने वाले जहरीले तत्व को सोख सकते हैं. पिस्टिया स्ट्रैटियोटिस एक ऐसा ही पौधा है. ये बंगाल के ग्रामीण इलाकों में पाया जाता है.

यहां के तालाबों, पोखरों और जलाशयों में ये बड़ी संख्या में मिल जाते हैं. इस इलाके में ये पौधे अपनेआप उग आते हैं. जादवपुर यूनिवर्सिटी ने इस पौधे को लेकर शोध किया तो ये हैरान करने वाली जानकारी सामने आई.