हिंदू भाइयों की भावनाओं का करें सम्मान, बकरीद पर न करें गाय की कुर्बानी: दारुल उलूम
सहारनपुर। ईद-उल-अजहा (बकरीद) के त्योहार पर देवबंदी उलमा ने मुस्लिम समाज से गाय की कुर्बानी न करने की अपील की है। उलमा का कहना है कि हिंदू भाइयों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए बकरीद पर ऐसा कोई काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ पहुंचे। मीडिया रिपो
सहारनपुर। ईद-उल-अजहा (बकरीद) के त्योहार पर देवबंदी उलमा ने मुस्लिम समाज से गाय की कुर्बानी न करने की अपील की है।
उलमा का कहना है कि हिंदू भाइयों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए बकरीद पर ऐसा कोई काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ पहुंचे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि बकरीद का त्योहार करीब है, इसलिए तमाम मुसलमानों से अपील है कि ऐसे किसी भी जानवर की कुर्बानी न करें जिसे हिंदू भाइयों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। जैसे गाय की कुर्बानी हरगिज न करें और इससे पूरी तरह परहेज रखें।
इस्लामी तालीम का सबसे बड़ा इदारा दारुल उलूम पूर्व में साफ तौर पर कह चुका है कि गाय की कुर्बानी न की जाए। इस्लाम धर्म में साफ कहा गया है कि किसी को तकलीफ पहुंचाने की इजाजत नहीं है।
इसके साथ ही लोग ऐसा कोई काम न करें जो फसाद का कारण बने। मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि नगर पालिका परिषद और विद्युत निगम को चाहिए कि वह बकरीद के दिन बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था का विशेष प्रबंध करें।
उलमा का कहना है कि हिंदू भाइयों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए बकरीद पर ऐसा कोई काम न करें जिससे उन्हें तकलीफ पहुंचे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि बकरीद का त्योहार करीब है, इसलिए तमाम मुसलमानों से अपील है कि ऐसे किसी भी जानवर की कुर्बानी न करें जिसे हिंदू भाइयों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। जैसे गाय की कुर्बानी हरगिज न करें और इससे पूरी तरह परहेज रखें।
इस्लामी तालीम का सबसे बड़ा इदारा दारुल उलूम पूर्व में साफ तौर पर कह चुका है कि गाय की कुर्बानी न की जाए। इस्लाम धर्म में साफ कहा गया है कि किसी को तकलीफ पहुंचाने की इजाजत नहीं है।
इसके साथ ही लोग ऐसा कोई काम न करें जो फसाद का कारण बने। मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि नगर पालिका परिषद और विद्युत निगम को चाहिए कि वह बकरीद के दिन बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था का विशेष प्रबंध करें।