ऋचा ने उठाया सवाल- दूसरे समुदाय लोगों को हनुमान चालीसा बांटने को क्यों नहीं कहा जाता?
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार पिठोरिया की युवती ऋचा भारती उर्फ ऋचा पटेल (19) को रांची के व्यवहार न्यायालय से सोमवार को सशर्त जमानत मिल गई। अदालत ने आरोपी ऋचा को पांच कुरान सरकारी स्कूल, कॉलेज या विश्व
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार पिठोरिया की युवती ऋचा भारती उर्फ ऋचा पटेल (19) को रांची के व्यवहार न्यायालय से सोमवार को सशर्त जमानत मिल गई। अदालत ने आरोपी ऋचा को पांच कुरान सरकारी स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय में दान करने का निर्देश दिया।
हालांकि, कोर्ट के इस फैसले पर ऋचा ने टिप्पणी की है और कहा कि जब दूसरे समुदाय के लोग ऐसा करते हैं तो उन्हें हनुमान चालीसा बांटने को क्यों नहीं कहा जाता?
बता दें कि सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में आरोपी युवती की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ऋचा भारती ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि दूसरे समुदाय के लोग इस तरह के पोस्ट करते हैं तो क्या कभी उनसे हनुमान चालीसा और मंदिर जाने के लिए कहा गया है?"
हालांकि, कोर्ट के इस फैसले पर ऋचा ने टिप्पणी की है और कहा कि जब दूसरे समुदाय के लोग ऐसा करते हैं तो उन्हें हनुमान चालीसा बांटने को क्यों नहीं कहा जाता?
बता दें कि सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में आरोपी युवती की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ऋचा भारती ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि दूसरे समुदाय के लोग इस तरह के पोस्ट करते हैं तो क्या कभी उनसे हनुमान चालीसा और मंदिर जाने के लिए कहा गया है?"
Richa Bharti, a student was directed by a Ranchi court to distribute 5 copies of Quran as condition for bail for posting an allegedly communal post on social media.She says,"Other communities also make such posts,have they ever been asked to recite Hanuman Chalisa&visit temples?" pic.twitter.com/GQCml3Qtfj— ANI (@ANI) 16 July 2019