कार्ति चिदंबरम को झटका- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 10 करोड़ वापस करने की मांग

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कार्ति चिदंबरम को झटका- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 10 करोड़ वापस करने की मांग

नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे वरिष्ठ कांगे्रस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के 10 करोड़ रुपये जारी करने की मांग संबंधी याचिका बुधवार को खारिज कर


कार्ति चिदंबरम को झटका- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की 10 करोड़ वापस करने की मांग
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे वरिष्ठ कांगे्रस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के 10 करोड़ रुपये जारी करने की मांग संबंधी याचिका बुधवार को खारिज कर दी है. याचिका में कार्ति ने विदेश यात्रा के लिए जमा किए गए 10 करोड़ की रकम को वापस करने की अपील की थी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई में बेंच ने उनकी याचिका खारिज कर दी.
ज्ञात हो कि कार्ति मनी लॉन्ड्रिंग समेत आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई (सीबीआई) की जांच का सामना कर रहे हैं. सीजेआई ने रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कार्ति से कहा है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दें. बता दें कि कार्ति चिदंबरम ने तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.
इससे पहले कार्ति ने इंटरनेशनल टूर्नामेंट में जाने के लिए 10 से 26 जनवरी के बीच इंग्लैंड और फ्रांस और 23 से 31 मार्च के बीच स्पेन जाने की इजाजत मांगी थी. कोर्ट ने उन्हें इसके लिए अनुमति दे दी, लेकिन साथ में कड़ी शर्तें भी लगाई. उनको 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के पास जमा कराने के लिए भी कहा गया था.
साथ ही कार्ति को आगाह किया था कि अगर उन्होंने आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग नहीं किया, तो उनके साथ सख्ती की जाएगी.
फरवरी-मार्च में देश से बाहर जाने की याचिका पर विचार करते हुए रंजन गोगोई ने कहा, कानून के साथ मत खेलो. आपने अभी तक सहयोग नहीं किया है. मैं आपको साफ कर दूं कि इस मामले में थोड़ी सा भी असहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर आप सहयोग नहीं करेंगे तो यह कोर्ट आपसे सख्ती से पेश आएगा. बेंच ने आगे कहा, जहां जाना है जाओ, जहां घूमना है घूमो लेकिन जांच में सहयोग न करना हम पसंद नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.