तो क्या अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट इस्तीफा देंगे?

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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तो क्या अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट इस्तीफा देंगे?

एसपी मित्तल 28 जून को राजस्थान पत्रिका में छपी खबर को सही माना जाए तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ-साथ पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तसीगढ़ व अन्य कांग्रेस शासित


तो क्या अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट इस्तीफा देंगे?
एसपी मित्तल 
28 जून को राजस्थान पत्रिका में छपी खबर को सही माना जाए तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ-साथ पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तसीगढ़ व अन्य कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों के रवैये से खफा हैं।

27 जून को दिल्ली में युवक कांग्रेस के नेताओं से अपने मन की बात सांझा करते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि जब उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तब कांग्रेस सरकारों के मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष भी लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करते। लेकिन किसी मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष अथवा संगठन के बड़े पदाधिकारी न इस्तीफे की पेशकश नहीं की। राहुल के इस बयान के बाद कांग्रेस संगठन में देशभर में खलबली मच गई है।

इसके साथ यह सवाल भी उठा है कि क्या अब राजस्थान के सीएम गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष पायलट भी इस्तीफा दे देंगे? गहलोत एक संवेदनशील नेता हैं और गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं। यदि गांधी पविार नहीं चाहता है तो गहलोत एक मिनट भी सीएम के पद पर नहीं रहेेंगे। पूरी उम्मीद है कि राहुल के बयान के बाद गहलोत सबसे पहले नेता होंगे, जो सीएम पद छोडऩे की पेशकश करेंगे।

समझ में नहीं आता कि राहुल ने यह बयान किस नजरिए से दिया है। यदि कांग्रेस शासित मुख्यमंत्री  और प्रदेशाध्यक्ष इस्तीफा देने लगे तो मध्यप्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार धराशाही हो जाएगी। राजस्थान में भी टिके रहना मुश्किल होगा। 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पूरे 100 तथा भाजपा के 72 विधायक हैं।

राजस्थान का माहौल गर्म
इधर जयपुर में जब विधानसभा चल रही है, जब प्रदेशाध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। 27 जून को पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंथोनी, गुलाम नबी आजाद आदि से मुलाकात की तो 28 जून को अहमद पटेल और सोनिया गांधी से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। राजनीतिक दृष्टि से पायलट के दौरे को अहम माना जा रहा है।

गांधी परिवार पायलट को सीएम बनाएगा यह तो अभी गर्भ में हैं, लेकिन गहलोत के बाद पायलट ही सबसे सशक्त दावेदार हैं। वहीं कांगे्रस की इस खींचतान पर भाजपा के रणनीतिकारों की नजर लगी हुई है। 29 व 30 जून को विधानसभा में अवकाश रहेगा हो सकता है कि गहलोत भी दिल्ली पहुंच जाए।