बुजुर्ग मां पर अत्याचार करने वाले बेटे और बहू को 2 साल जेल की सजा...

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बुजुर्ग मां पर अत्याचार करने वाले बेटे और बहू को 2 साल जेल की सजा...

नई दिल्ली। मां बाप पर अत्याचार करने वाले को एक ना एक दिन भुगतना पड़ता है। हैदराबाद में एक बेटे और बहू ने मिलकर अपनी मां को परेशान किया जिसके लिए कोर्ट ने दोनों को 2 साल जेल की सजा दिलाई है। बेटा अमित कुमार और उसकी पत्नी सविता ने बुजुर्ग मां के साथ म


बुजुर्ग मां पर अत्याचार करने वाले बेटे और बहू को 2 साल जेल की सजा...
नई दिल्ली। मां बाप पर अत्याचार करने वाले को एक ना एक दिन भुगतना पड़ता है। हैदराबाद में एक बेटे और बहू ने मिलकर अपनी मां को परेशान किया जिसके लिए कोर्ट ने दोनों को 2 साल जेल की सजा दिलाई है। बेटा अमित कुमार और उसकी पत्नी सविता ने बुजुर्ग मां के साथ मा’रपी’ट की और उन्हें जान से मा’रने की ध’मकी दी।

मां भी काफी वक्त से अत्याचार सहन कर रही थी। एक मां को जब पता चला की बेटे ने फर्जी तरीके से मकान भी अपने नाम कर लिया है तो उसके सब्र का बांध टू’ट गया। मकान अपने नाम लिखाने के बाद बेटा अमित और बहू सविता किसी भी हाल में मां को घर से निकालने की साजिश रचने लगे, लेकिन मां ने घर छोड़कर जाने से इनकार कर दिया। लिहाजा कलयुगी बेटे और बहू ने मां पर अत्याचार करना शुरू कर दिए।

प्रेमा कुमारी के मुताबिक, बहू गा’लियां देती थी और कुछ बोलने पर बेटा मा’रता था। अ’त्याचा’र को अपनी किस्मत समझकर मां चुपचाप सहती रही। उन्होंने इस बात की शिकायत छोटे बेटे या बेटी से भी नहीं की, लेकिन 2015 में राजस्व विभाग के कुछ लोग घर पर आए, तो मां को पता चला कि मकान बड़े बेटे ने अपने नाम लिखा लिया है। जबकि नियम के मुताबिक पिता की मौ’त के बाद मकान मां के नाम ट्रांसफर होना चाहिए था। अब बात सिर के ऊपर जा चुकी थी।

मां प्रेमा कुमारी ने इस बात की जानकारी छोटे बेटे को दी और फिर उन्होंने नारेदमेट पुलिस थाने में अपने बड़े बेटे और बहू के खिलाफ शि’कायत दर्ज कराई। पुलिस ने बेटे अमित कुमार और बहू सविता के खिलाफ मां प्रेमा कुमारी को बंधक बनाने, अपमानित करने, जा’न से मा’रने की ध’मकी देने और फ’र्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया।

मामला मलकाजगिरी कोर्ट में चला और अदालत में कलयुगी बेटे-बहू की करतूत साबित हो गई। अदालत ने बेटे अमित कुमार और बहू सबिता को 2 साल की कैद और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत के फैसले के बाद बुजुर्ग मां का कहना है कि ‘इससे उन बच्चों को सबक मिलेगा, जो अपने माता-पिता को बोझ समझकर उन्हें दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंकना चाहते हैं।’