24 साल की उम्र में जज बना शिक्षक का बेटा...
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले गंधर्व पटेल ने IAS अफसर बनने का सपना देखा था। लेकिन, अपने पिता जो कि पेशे से टीचर हैं, उनका सपना पूरा करने के लिए जज की परीक्षा दी। अपने पिता के बताए रास्ते में चले गंधर्व ने जानें कैसे तैयारी करके PCS J की पर
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले गंधर्व पटेल ने IAS अफसर बनने का सपना देखा था। लेकिन, अपने पिता जो कि पेशे से टीचर हैं, उनका सपना पूरा करने के लिए जज की परीक्षा दी। अपने पिता के बताए रास्ते में चले गंधर्व ने जानें कैसे तैयारी करके PCS J की परीक्षा में पांचवां स्थान प्राप्त कर लिया।
24 साल की उम्र में ये सफलता हासिल करने वाले गंधर्व पटेल का कहना है कि मैं अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता था। बस इसी सपने को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। तैयारी के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी में एलएलबी ऑनर्स की फाइनल परीक्षा भी नहीं दे पाया था।
गंधर्व के पिता रामप्रताप वर्मा पेशे से बेसिक शिक्षक हैं, वहीं उनकी मां गायत्री देवी गृहणी हैं। गंधर्व के बड़े भाई गौरव पटेल इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लॉ प्रोफेसर हैं, जिनका गंधर्व की तैयारी में बड़ा योगदान रहा। वो कहते हैं कि पापा ने हम दोनों भाईयों को लॉ क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
गोंडा के के फातिमा स्कूल से साल 2010-11 में हाईस्कूल व 2012-13 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करके उन्होंने वकालत की पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय न्यूकैंपस से की। यहां से उन्होंने पांच साल का इंटीग्रेटेड कोर्स करने के बाद डीयू में एडमिशन लिया था। डीयू में लॉ में अटेंडेंस कम हो जाने के कारण वो एग्जाम नहीं दे पाए थे। इसी दौरान 2018 में ही पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
गंधर्व ने आज तक से बातचीत में कहा कि मेरे लिए जज के तौर पर एक नोबल जॉब का चयन करना एक बेहतरीन कदम है। लेकिन, मैं एक बार यूपीएससी जरूर लिखना चाहता हूं। एक बार मैं इस परीक्षा में बैठकर अपने मन की इच्छा को पूरा करना चाहता हूं। वो बताते हैं कि उन्हेांने यूपी पीएससी के साथ बिहार और हरियाणा पीसीएस की परीक्षा भी दी थी। यूपी के अलावा इन दोनों के प्री में भी उनका चयन हो गया था। गंधर्व ने बताया कि पारिवारिक वजह के कारण उस दौरान मैं बिहार और हरियाणा की मेन्स नहीं लिख पाया, लेकिन यूपी का मेन्स लिखा और पांचवीं रैंक आई। इससे हम सब बहुत खुश हैं।
24 साल की उम्र में ये सफलता हासिल करने वाले गंधर्व पटेल का कहना है कि मैं अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता था। बस इसी सपने को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। तैयारी के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी में एलएलबी ऑनर्स की फाइनल परीक्षा भी नहीं दे पाया था।
गंधर्व के पिता रामप्रताप वर्मा पेशे से बेसिक शिक्षक हैं, वहीं उनकी मां गायत्री देवी गृहणी हैं। गंधर्व के बड़े भाई गौरव पटेल इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लॉ प्रोफेसर हैं, जिनका गंधर्व की तैयारी में बड़ा योगदान रहा। वो कहते हैं कि पापा ने हम दोनों भाईयों को लॉ क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
गोंडा के के फातिमा स्कूल से साल 2010-11 में हाईस्कूल व 2012-13 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करके उन्होंने वकालत की पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय न्यूकैंपस से की। यहां से उन्होंने पांच साल का इंटीग्रेटेड कोर्स करने के बाद डीयू में एडमिशन लिया था। डीयू में लॉ में अटेंडेंस कम हो जाने के कारण वो एग्जाम नहीं दे पाए थे। इसी दौरान 2018 में ही पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
गंधर्व ने आज तक से बातचीत में कहा कि मेरे लिए जज के तौर पर एक नोबल जॉब का चयन करना एक बेहतरीन कदम है। लेकिन, मैं एक बार यूपीएससी जरूर लिखना चाहता हूं। एक बार मैं इस परीक्षा में बैठकर अपने मन की इच्छा को पूरा करना चाहता हूं। वो बताते हैं कि उन्हेांने यूपी पीएससी के साथ बिहार और हरियाणा पीसीएस की परीक्षा भी दी थी। यूपी के अलावा इन दोनों के प्री में भी उनका चयन हो गया था। गंधर्व ने बताया कि पारिवारिक वजह के कारण उस दौरान मैं बिहार और हरियाणा की मेन्स नहीं लिख पाया, लेकिन यूपी का मेन्स लिखा और पांचवीं रैंक आई। इससे हम सब बहुत खुश हैं।