बिहार में कुदरत का ऐसा कहर, पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हजारों लोग
नई दिल्ली। बिहार में आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए आफत की बारिश बन गई है। लोग पिछले पांच दिन से अपने घरों में कैद हैं। राज्य के हजारों लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटना के 84 साल के बी.बी. त्रिपाठी ने
नई दिल्ली। बिहार में आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए आफत की बारिश बन गई है। लोग पिछले पांच दिन से अपने घरों में कैद हैं।
राज्य के हजारों लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटना के 84 साल के बी.बी. त्रिपाठी ने बताया कि वह अपने घर में पांच दिन से घर में कैद हैं। उनका पूरा परिवार बंधक की तरह अपने आप को फील करने लगा है। उन्होंने बताया मेरी पत्नी शारथी, और बेटे बहू, पोते को अब तो ऐसे लगने लगा है जैसे अब तो यहीं जिंदगी खत्म हो जाएगी।
बाढ़ से ग्रसित लोगों ने मीडिया से बातचीत के दैरान बताया कि उनके घरों में खाने को अनाज नहीं बचा है। पांच दिन से उनके घरों में चूल्हा नहीं जला है। छोटे-छोटे बच्चे फल, चूड़ा, बिस्किट जैसे चीज खाकर किसी तरह अपने आप को जिंदा रखे हुए हैं। आलम ये हो गया कि लोग एक बोतल पीने की पानी को तरस रहे हैं। बच्चों की तबीयत खराब हो रही है, उनके इलाज के लिए बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं।
राज्य के हजारों लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटना के 84 साल के बी.बी. त्रिपाठी ने बताया कि वह अपने घर में पांच दिन से घर में कैद हैं। उनका पूरा परिवार बंधक की तरह अपने आप को फील करने लगा है। उन्होंने बताया मेरी पत्नी शारथी, और बेटे बहू, पोते को अब तो ऐसे लगने लगा है जैसे अब तो यहीं जिंदगी खत्म हो जाएगी।
बाढ़ से ग्रसित लोगों ने मीडिया से बातचीत के दैरान बताया कि उनके घरों में खाने को अनाज नहीं बचा है। पांच दिन से उनके घरों में चूल्हा नहीं जला है। छोटे-छोटे बच्चे फल, चूड़ा, बिस्किट जैसे चीज खाकर किसी तरह अपने आप को जिंदा रखे हुए हैं। आलम ये हो गया कि लोग एक बोतल पीने की पानी को तरस रहे हैं। बच्चों की तबीयत खराब हो रही है, उनके इलाज के लिए बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं।