शिक्षकों को एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने में भागीदार बनना चाहिए : PM मोदी

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शिक्षकों को एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने में भागीदार बनना चाहिए : PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए जन आंदोलन शुरू किया है जिसमें शिक्षक सक्रिय भागीदारी करें, छात्रों को इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं त


शिक्षकों को एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने में भागीदार बनना चाहिए : PM मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए जन आंदोलन शुरू किया है जिसमें शिक्षक सक्रिय भागीदारी करें, छात्रों को इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं तथा उन्हें इसमें शामिल होने के लिये प्रेरित करें।

शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, इस शिक्षक दिवस पर मैं अपने साथी शिक्षकों से एक अनुरोध करना चाहता हूँ। देश ने एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए जन आंदोलन शुरू किया है। मैं इस जन आंदोलन में शिक्षक समुदाय की सक्रिय सहायता और भागीदारी चाहता हूं।

उन्होंने कहा, जब शिक्षक अपने छात्रों को एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में समझाएंगे और इसका उपयोग नहीं करने की सलाह देंगे तो छात्र भी इस जन आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे। यह पूज्य बापू को उनकी 150वीं जयंती पर एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मोदी ने शिक्षक समुदाय को शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन पूरी शिक्षक बिरादरी का उनके कठोर परिश्रम, समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए अभिनंदन करने का दिन है। उन्होंने कहा कि कक्षा में शिक्षा से जुड़े विषयों को पढ़ाने के अलावा, शिक्षक असाधारण मार्गदर्शक और संरक्षक भी होते हैं, जो अपने छात्रों के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षकों का निस्वार्थ भाव पूरे विश्व में सराहनीय है। व्यस्त कार्यक्रम और अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद, शिक्षक यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्र आसानी से नए विचारों के बारे में जानें और नई चीजों को सीखें।

मोदी ने कहा, आज भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। अब हमने पारंपरिक तरीके से निकलकर परिणामों को प्राथमिकता देने की तरफ कदम बढ़ाया है। मुझे शिक्षकों को युवाओं के बीच अनुसंधान और नवाचार की भावना को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए देखकर खुशी होती है।

उन्होंने कहा कि यही वह भावना है जो हमारे युवाओं को अपने और राष्ट्र के लिए असाधारण काम करने की शक्ति प्रदान करेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आज के दिन महान शिक्षक डॉ. एस. राधाकृष्णन को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और यह कामना करते हैं कि उनका जीवन अधिक से अधिक लोगों को शिक्षा के क्षेत्र से जोड़े और युवा मन को आकार देने के लिए हमेशा प्रेरित करे।