तेजस होगी देश की पहली प्राइवेट ट्रेन

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तेजस होगी देश की पहली प्राइवेट ट्रेन

दिल्ली और लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन होगी। केंद्र सरकार ने प्राइवेट ट्रेन चलाने की दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। केन्द्र ने बजट में इस बात का संकेत दिया गया था कि निजीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया जाएगा। रेलवे


तेजस होगी देश की पहली प्राइवेट ट्रेन
दिल्ली और लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन होगी। केंद्र सरकार ने प्राइवेट ट्रेन चलाने की दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। केन्द्र ने बजट में इस बात का संकेत दिया गया था कि निजीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया जाएगा।
रेलवे ने 100 दिन के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए शुरुआती तौर पर 2 प्राइवेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने तमाम विरोध के बीच आखिरकार रेलवे के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा दिया है. रेलवे बोर्ड दिल्ली-लखनऊ के अलावा दूसरे 500 किमी दूरी के मार्ग के चयन में जुटी है, जहां दूसरी प्राइवेट ट्रेन चलाई जाएगी।
केंद्र सरकार ने प्राइवेट ट्रेन चलाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। बजट में इस बात का संकेत दिया गया था कि निजीकरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया जाएगा। इसका रेल यूनियन ने विरोध करने का निर्णय लिया है, लेकिन इस बीच यह खबर आ गई है कि दिल्ली और लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन होगी। आईआरसीटीसी से कहा गया है कि वह इसके बारे में प्रस्ताव को 10 जुलाई तक अंतिम रूप दे दे।
गौरतलब है कि रेलवे ने 100 दिन के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए शुरुआती तौर पर दो प्राइवेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेन ने आरोप लगाया है कि बजट से यह बात उजागर हो गई है कि सरकार रेलवे के कॉरपोरेटीकरण और निजीकरण पर आक्रामक तरीके से आगे बढऩा चाहती है।
तेजस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए एकदम फिट है। तेजस एक्सप्रेस के हर एक डिब्बे को बनाने में रेलवे को 3 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। तेजस एक्सप्रेस देश में चलने वाली पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें स्वचालित प्लग टाइप दरवाजे लगाए गए हैं। यानि जब ट्रेन चलेगी तो इस के दरवाजे ऑटोमेटिक तरीके से ठीक उसी तरीके से बंद हो जाएंगे जैसे मेट्रो ट्रेन के दरवाजे बंद होते हैं। चलती ट्रेन में ही दरवाजे नहीं खुलेंगे जब ट्रेन रुकेगी तभी यह दरवाजे खुल पाएंगे।
तेजस ट्रेन को एक खास अंदाज देने के लिए विशेष और खूबसूरत दिखने वाले विनाइल से सुसज्जित किया गया है। पूरी ट्रेन पर एक खास तरह का पैटर्न छापा गया है और इसका कलर उगते हुए सूरज की तरह रखा गया है। तेजस ट्रेन का नाम सूर्य की किरणों की तरह तेज रहने के लिए रखा गया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के आनंदनगर रेलवे स्टेशन पर खड़ी है, जिसे ओपन बिडिंग की प्रॉसेस के बाद प्राइवेट प्लेयर को सौंप दिया जाएगा।