कंकड़-पत्‍थर और बालू खाकर उसे हजम कर जाते है 100 वर्षीय ये संत!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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कंकड़-पत्‍थर और बालू खाकर उसे हजम कर जाते है 100 वर्षीय ये संत!

राम मिश्रा, अमेठी। एक सन्त किस-किस तरह की चीजें खाकर अपना पेट भरते है यह सुनकर आप यकीनन हैरत में पड़ जाएंगे ये सन्त मिट्टी बालू पत्थर जैसी चीजें न केवल खाते हैं बल्कि उसे आसानी से हजम भी कर जाते हैं कहने को तो हम सभी का अपना कोई न कोई पसंदीदा खाना ज


कंकड़-पत्‍थर और बालू खाकर उसे हजम कर जाते है 100 वर्षीय ये संत!
राम मिश्रा, अमेठी।  एक सन्त किस-किस तरह की चीजें खाकर अपना पेट भरते है यह सुनकर आप यकीनन हैरत में पड़ जाएंगे ये सन्त मिट्टी बालू पत्‍थर जैसी चीजें न केवल खाते हैं बल्‍कि उसे आसानी से हजम भी कर जाते हैं कहने को तो हम सभी का अपना कोई न कोई पसंदीदा खाना जरूर होता है उसे खाने के लिए हम हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन इससे हट के इस सन्त की कहानी है उसकी पसंद खाना नहीं बल्कि खाने के तौर पर मिट्टी बालू और पत्थर है उसे ईट पत्थर बालू घोलकर पीना और मिट्टी चाटना इतना पसंद है कि वो दिन भर में करीब किलोभर तक कंकड़-पत्थर खा जाते है।
कंकड़-पत्‍थर और बालू खाकर उसे हजम कर जाते है 100 वर्षीय ये संत!

बचपन से है लत
मामला अमेठी जिले के गौरा प्राणी गांव का है करीब 100 वर्ष के सती प्रसाद को किशोरावस्था से ही पत्थर खाना पसंद था कंकड़ पत्थर खाने और बालू घोलकर पीने की हरकत कब उसकी आदत बन गई उसको पता ही नहीं चला यहीं नहीं वो ईंटें भी खाने लगे थे ग्रामीणों ने बताया की बहुत कहने पर ही वह भोजन करते है यही नही सन्त सती प्रसाद पूरे भारत वर्ष सहित कई देशों की पैदल यात्रा कर चुके है।
कंकड़-पत्‍थर और बालू खाकर उसे हजम कर जाते है 100 वर्षीय ये संत!

फिर भी एकदम फिट
करीब बीस वर्ष की उम्र से ही सती प्रसाद ने कंकड़ पत्थर सहित बालू खाना शुरू कर दिया और 100 वर्ष की उम्र में भी यह जारी है हैरानी की बात है कि वो हर रोज करीब किलो भर कंकड़ पत्थर और बालू घोलकर पीने के बाद भी ठीक है अपने अजब खाने की आदत की वजह से उसे कभी भी पेट दर्द या कोई गंभीर बीमारी की शिकायत आज तक नहीं हुई है . बेहद शौक से ईंट-पत्थर खाने और बालू घोलकर पीने वाला इस सन्त के दांत अब बिल्कुल नही हैं ।