बड़े साहब के हस्ताक्षर के लिए भटकते पिता को देख बेटी ने खाई थी कसम, बनी IAS
नई दिल्ली। आईएएस अधिकारी रोहिणी भाजीभाकरेने अपने पिता को सिर्फ एक हस्ताक्षर के लिए बड़े साहब के ऑफिस के चक्कर काट-काटकर बेबस देख प्रण लिया था कि आईएएस बनेंगी और सिस्टम को सुधारेंगी।उन्होंने कड़ी मेहनत से ये सपना पूरा भी किया। ये कहानी महाराष्ट्र के
नई दिल्ली। आईएएस अधिकारी रोहिणी भाजीभाकरेने अपने पिता को सिर्फ एक हस्ताक्षर के लिए बड़े साहब के ऑफिस के चक्कर काट-काटकर बेबस देख प्रण लिया था कि आईएएस बनेंगी और सिस्टम को सुधारेंगी।उन्होंने कड़ी मेहनत से ये सपना पूरा भी किया।
ये कहानी महाराष्ट्र के सोलपुर जिले के एक गरीब किसान की है। जिनको सरकारी लाभ के लिए बड़े साहब के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे थे लेकिन बड़े साहब तो बड़े साहब हैं।इतनी आसानी से गरीब किसान के कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए तो उसे अपनी ताकत का अहसास कैसे कराते ।इधर किसान बेहद दुखी और बेबस था।अपने पिता की बेबसी को देखकर उनकी बेटी पूछती है कि पापा इस समस्या को हल करने की सबसे बड़ी ताकत किसके पास है तो पापा ने जवाब दिया – जिलाधिकारी के पास।
अपने पिता से ये बात सुनकर उस लड़की ने उस दिया जिलाधिकारी बनने की ठानी और आज आईएएस बनकर देश की सेवा कर रही हैं।आईएएस रोहिणी भाजीभाकरे आज भी अपनी पिता के उस बेबसी वाले वक्त को याद करती हैं।
आईएएस बने से पहले उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनकी तैनाती फिलहाल तमिलनाड़ु में है। वह बेहद शालीनता और कर्तव्यनिष्ठता से अपना काम करती हैं और गरीबों की हरसंभव सहायता करती हैं।जिसके चलते वह लोंगो में बहुत लोकप्रिय हैं।
ये कहानी महाराष्ट्र के सोलपुर जिले के एक गरीब किसान की है। जिनको सरकारी लाभ के लिए बड़े साहब के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे थे लेकिन बड़े साहब तो बड़े साहब हैं।इतनी आसानी से गरीब किसान के कागजात पर हस्ताक्षर कर दिए तो उसे अपनी ताकत का अहसास कैसे कराते ।इधर किसान बेहद दुखी और बेबस था।अपने पिता की बेबसी को देखकर उनकी बेटी पूछती है कि पापा इस समस्या को हल करने की सबसे बड़ी ताकत किसके पास है तो पापा ने जवाब दिया – जिलाधिकारी के पास।
अपने पिता से ये बात सुनकर उस लड़की ने उस दिया जिलाधिकारी बनने की ठानी और आज आईएएस बनकर देश की सेवा कर रही हैं।आईएएस रोहिणी भाजीभाकरे आज भी अपनी पिता के उस बेबसी वाले वक्त को याद करती हैं।
आईएएस बने से पहले उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उनकी तैनाती फिलहाल तमिलनाड़ु में है। वह बेहद शालीनता और कर्तव्यनिष्ठता से अपना काम करती हैं और गरीबों की हरसंभव सहायता करती हैं।जिसके चलते वह लोंगो में बहुत लोकप्रिय हैं।