आसमान से बरस रही आग, पेयजल की नही है व्यवस्था
उरई। एक ओर आसमान से अंगारे बरस रहे है वही दूसरी ओर शहर मे पानी की समस्या खड़ी हो गयी है। तपती दोपहर मे घर के लिये बाहर निकलते वाले लोगों को हर पल पानी की जरूरत महसूस होती है लेकिन हशर के सार्वजनिक स्थानों पर गर्मी के बावजूद सरकारी स्तर पर पेयजल की क
उरई। एक ओर आसमान से अंगारे बरस रहे है वही दूसरी ओर शहर मे पानी की समस्या खड़ी हो गयी है। तपती दोपहर मे घर के लिये बाहर निकलते वाले लोगों को हर पल पानी की जरूरत महसूस होती है लेकिन हशर के सार्वजनिक स्थानों पर गर्मी के बावजूद सरकारी स्तर पर पेयजल की कोई व्यवस्था नही की गयी है जिस के चलते प्यास बुझाने के लिये लोगों को सड़क किनारे बिकने वाले दूषित पानी के पाउचों का सहारा लेना पड़ता है।
सार्वजनिक स्थानों पर लगे सरकारी हैण्डपम्प पहले ही जबाब दे चुके है। नगर पालिका की दिखावटी प्याऊ व्यवस्था ऐसी है कि प्यास के बावजूद लोग पानी पीने से घबराते है।
यह व्यवस्था भी कुछ गिने चुने स्थानों तक सीमित है। अधिकतर राहगीरों के लिये सड़क किनारे के होटल व ढाबे ही इकलौते सहारा है जहां साफ पानी मिलना मुश्किल होता है। अगर प्रशासन हर वर्ष होने वाली पानी की समस्या को समय पूर्व ही दुरूस्त करा दे तो लोग इतनी समस्या नही आये।
अगर नये हैण्डपम्प नही लगवाये जा सकते तो कम से कम उन मे सुधार तो किया ही जा सकता है सार्वनिक स्थानों पर बनी पुरानी पानी की टंकियों की सफाई करा कर उन्हें इस्तेमाल के योग्य तो बनाया ही जा सकता है।
सार्वजनिक स्थानों पर लगे सरकारी हैण्डपम्प पहले ही जबाब दे चुके है। नगर पालिका की दिखावटी प्याऊ व्यवस्था ऐसी है कि प्यास के बावजूद लोग पानी पीने से घबराते है।
यह व्यवस्था भी कुछ गिने चुने स्थानों तक सीमित है। अधिकतर राहगीरों के लिये सड़क किनारे के होटल व ढाबे ही इकलौते सहारा है जहां साफ पानी मिलना मुश्किल होता है। अगर प्रशासन हर वर्ष होने वाली पानी की समस्या को समय पूर्व ही दुरूस्त करा दे तो लोग इतनी समस्या नही आये।
अगर नये हैण्डपम्प नही लगवाये जा सकते तो कम से कम उन मे सुधार तो किया ही जा सकता है सार्वनिक स्थानों पर बनी पुरानी पानी की टंकियों की सफाई करा कर उन्हें इस्तेमाल के योग्य तो बनाया ही जा सकता है।