हिंदुस्तान में बनी दुनिया की सबसे छोटी और हल्की 'पिस्टल'
देश में निर्मित पिस्टल की रेंज में हाल ही में शामिल की गई "जीलॉक (ग्लॉक) 42" के दुनिया की सबसे छोटी और हल्की पिस्टल होने का दावा किया जा रहा है। विशेष रूप से महिलाओं को ध्यान में रखकर तमिलनाडु में बनी यह पिस्टल छोटी और हल्की होने के बावजूद खतरनाक है
देश में निर्मित पिस्टल की रेंज में हाल ही में शामिल की गई "जीलॉक (ग्लॉक) 42" के दुनिया की सबसे छोटी और हल्की पिस्टल होने का दावा किया जा रहा है। विशेष रूप से महिलाओं को ध्यान में रखकर तमिलनाडु में बनी यह पिस्टल छोटी और हल्की होने के बावजूद खतरनाक है।
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो में प्रदर्शित जीलॉक (ग्लॉक) 42 पिस्टल को सिर्फ वे लोग ही खरीद सकते हैं, जिनके पास इसका राज्य या अखिल भारतीय लाइसेंस है।
यह फंग्शनल मिलिट्री ग्रेड पिस्टल की श्रेणी में दुनिया की सबसे छोटी पिस्टल मानी जा रही है। इसमें 0.380 कैलिबर है, जो भारतीय शस्त्र अधिनियम के अनुसार, प्रतिबंधित बोर नहीं है।
इसमें छह कारतूस मैगजीन में और एक चेंबर में रहता है। मैगजीन की क्षमता को आवश्यकता के अनुसार कम करने के साथ बढ़ाया भी जा सकता है। सबसे हल्की और आकार में छोटी होने के कारण इसे महिलाओं के लिए सबसे अनुकूल माना जा रहा है। इसका आकार मोबाइल फोन के जितना छोटा है और महिलाएं इसे अपने पर्स में रख सकती हैं।
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो में प्रदर्शित जीलॉक (ग्लॉक) 42 पिस्टल को सिर्फ वे लोग ही खरीद सकते हैं, जिनके पास इसका राज्य या अखिल भारतीय लाइसेंस है।
यह फंग्शनल मिलिट्री ग्रेड पिस्टल की श्रेणी में दुनिया की सबसे छोटी पिस्टल मानी जा रही है। इसमें 0.380 कैलिबर है, जो भारतीय शस्त्र अधिनियम के अनुसार, प्रतिबंधित बोर नहीं है।
इसमें छह कारतूस मैगजीन में और एक चेंबर में रहता है। मैगजीन की क्षमता को आवश्यकता के अनुसार कम करने के साथ बढ़ाया भी जा सकता है। सबसे हल्की और आकार में छोटी होने के कारण इसे महिलाओं के लिए सबसे अनुकूल माना जा रहा है। इसका आकार मोबाइल फोन के जितना छोटा है और महिलाएं इसे अपने पर्स में रख सकती हैं।