इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए...

नई दिल्ली। अक्षय कुमार की 'पैडमैन' के बाद अब गुजरात की 'पैडगर्ल' सामने आई हैं। गुजरात की इन दोनों लड़कियों ने एक खास तरीके का सैनिटरी पैड बनाया है, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। गुजरात के मेहसाणा जिले की रहने वाली राजवी और धार्मि पटेल इन दोन


इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए... नई दिल्ली। अक्षय कुमार की 'पैडमैन' के बाद अब गुजरात की 'पैडगर्ल' सामने आई हैं। गुजरात की इन दोनों लड़कियों ने एक खास तरीके का सैनिटरी पैड बनाया है, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। 

गुजरात के मेहसाणा जिले की रहने वाली राजवी और धार्मि पटेल इन दोनों लड़कियों का ये अनोखा कारनामा देख हर कोई तारीफ कर रहा है। इन लड़कियों ने जो पैड्स तैयार किए हैं उसकी खास बात यह है कि इन्हें पूरी तरह से ऑरगेनिक तरीके से तैयार किया गया है। यानी कि ये स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के काफी अनुकूल हैं। 
इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए...
राजवी और धार्मि दोनों आनंद निकेतन स्कूल में क्लास 9 की छात्रा हैं। दोनों लड़कियों ने अपनी इस सोच से खूब वाहवाही बटोरीं। दोनों ने इस पैड को बनाने के लिए काफी रिसर्च किया और वड़ोदरा की एक एजेंसी से संपर्क कर केले के खराब हो चुके तने से रेशे निकाला गया। उन रेशों से ये पैड तैयार किए गए।
इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए...
स्कूल इन पैड्स को बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन करने पर विचार कर रहा है। केले के पेड़ का बेकार तना इसके लिए बहुत ही उपयोगी है। तने से रेशे निकालकर उससे पैड बनाया जाता है। इस वजह से यह पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है और महिलाओं के लिए अनुकूल भी है। 
इन लड़कियों ने केले के रेशे से बनाया सैनिटरी पैड, कीमत- मात्र 5 रुपए...
सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं है। गरीब महिलाएं भी आराम से इसे खरीद सकेंगी। इसकी कीमत 5 रुपए रखी गई है। इस्तेमाल के बाद यह पैड किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता और उसी में मिल जाता है। 

बता दें कि ये पैड पर्यावरण के लिए इतना कारगर है कि इसकी टेस्टिंग भी की जा रही है। जिसके लिए इसे एक अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में दे दिया गया है। वहां पर इस बात की जांच की जाएगी कि यह स्त्रियों के इस्तेमाल के लिए उचित है या नहीं।