भूख से बचने को पेट पर कपड़ा बांधकर सोती है 11 साल की ये मासूम बच्ची

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भूख से बचने को पेट पर कपड़ा बांधकर सोती है 11 साल की ये मासूम बच्ची

नई दिल्ली। उड़ीसा के केंदुझर जिले में एक अनाथ बच्ची को भूख से बचने के लिए गीला कपड़ा पेट पर बांधकर सोने पर मजबूर होना पड़ा। पीड़ित बच्ची का नाम सीमा मुंडा है। वह 11 साल की है। वह महादेईपड़ा पंचायत सलरापेंठ गांव में रहती है। जन्म के बाद ही उसे माँ छोड़


भूख से बचने को पेट पर कपड़ा बांधकर सोती है 11 साल की ये मासूम बच्चीनई दिल्ली। उड़ीसा के केंदुझर जिले में एक अनाथ बच्ची को भूख से बचने के लिए गीला कपड़ा पेट पर बांधकर सोने पर मजबूर होना पड़ा। पीड़ित बच्ची का नाम सीमा मुंडा है। वह 11 साल की है। वह महादेईपड़ा पंचायत सलरापेंठ गांव में रहती है।

जन्म के बाद ही उसे माँ छोड़ के चली गई थी। कुछ साल बाद पिता के मरने के बाद बच्ची अनाथ हो गई। पहले बच्ची अपने दादा के पास रहती थी। जिन्हें राशन मिलता था। मगर दादा के मौत के बाद वह राशन भी मिलना बंद हो गया।

ऐसे में बच्ची घर में अकेले रह गई। आधार कार्ड और राशन कार्ड के न होने की वजह से बच्ची को अपना पेट पालने के लिए जंगल में जाकर लकड़ी काटकर गुजारा करना पड़ता है। मगर तबियत खराब होने या किसी अन्य कारण अगर वो लकड़ी काटने नहीं जा पाती तो उसे भूखे ही रहना पड़ता।


सीमा को अपनी भूख मिटाने के लिए पेट पर गीला कपड़ा बांधकर सोना पड़ता है। इस तरह वो कई दिनों तक भूखी रहती है। उसके मुंह में एक निवाला तक नहीं जाता है।

गांव के सरपंच का कहना है कि जिनका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है उन्हें राशन नहीं दिया जाता है, लेकिन बच्ची को वे गांव की तरफ से कुछ चावल दे दिया करेंगे।