भीख मांग रहे बूढे बाबा की जिंदगी में फरिश्ता बनकर आई ये लड़की

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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भीख मांग रहे बूढे बाबा की जिंदगी में फरिश्ता बनकर आई ये लड़की

हम जिंदगी में जब जब अच्छा काम करते हैं तब तब भगवान के रजिस्टर उस काम की एंट्री हो जाती है। बड़े बूढों ने हमेशा से यही बात हमें बताई है। जितना अच्छा काम करोगी जिंदगी में उतनी ही खुशियां आपको मिलेंगी। बस थोड़ी देर और थोड़ा पैसा ही लगता लेकिन हमारा वो


भीख मांग रहे बूढे बाबा की जिंदगी में फरिश्ता बनकर आई ये लड़की
हम जिंदगी में जब जब अच्छा काम करते हैं तब तब भगवान के रजिस्टर उस काम की एंट्री हो जाती है। बड़े बूढों ने हमेशा से यही बात हमें बताई है। जितना अच्छा काम करोगी जिंदगी में उतनी ही खुशियां आपको मिलेंगी। बस थोड़ी देर और थोड़ा पैसा ही लगता लेकिन हमारा वो काम किसी की जिंदगी बदलकर रख देता है।

आज हम आपके लिए एक ऐसी ही खबर लेकर आए हैं जिसमें एक लड़की ने एक बूढे भिखारी की जिंदगी बदल दी। लड़की की उम्र कम है लेकिन उसके काम ने उसे बहुत बड़ा बना दिया है।लड़की को सड़क पर भीख मांगता हुआ बूढा आदमी दिखा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लड़की ने उस भिखारी की कहानी जानी तो बूढे ने बताया कि वो बचपन में इसलिये घर से भाग गया, क्योंकि वो अपने ग़रीब पिता पर बोझ नहीं बनना चाहता था। घर से भागकर वो ट्रेन पकड़ कर कहीं दूर जाना चाहता था, लेकिन तभी वो अचानक भागती हुई ट्रेन से गिर गया और हादसे में एक पैर खो दिया।

ख़ैर, घायल बच्चे को लोग डॉक्टर के पास ले गए। वहीं जब डॉक्टर्स ने उससे उसके मां-बाप के बारे में पूछा, तो उसने ख़ुद को अनाथ बता दिया और जीने लगा एक गुमनाम ज़िंदगी।

अब नई पहचान के साथ उसे अनाथालय भेज दिया गया, जहां उसका मन नहीं लगा और वो वहां से भी भाग गया। इसके बाद उसने दिन गुज़ारने के लिये सड़कों पर भीख मांगनी शुरू कर दी। एक दिन पुलिस ने उसे भीख मांगता देख पकड़ कर जेल में डाल दिया, जहां उसकी मुलाक़ात एक ऐसे लड़के से हुए जो बेहद ख़ूबसूरत कव्वालियां गाता था।

तब से अब तक वो सड़क पर कव्वाली गाकर भीख मांग रहा था लेकिन कहते हैं न कि बुरे दिनों के बाद अच्छे दिन ज़रूर आते हैं। इस शख़्स की ज़िंदगी में भी अच्छे दिनों ने दस्तक दी। कुछ ऐसा की एक दिन एक लड़की अपने दादाजी की बरसी पर भिखारियों को मिठाई बांट रही थी। इस दौरान उसने सड़क पर भीखते मांगते इस शख़्स की शायरी पढ़ी और काफ़ी देर तक उससे बातचीत भी की।

बस फिर क्या था इस यंग लेडी ने इस शख़्स को Spoken Word Fest तक पहुंचाया, जहां उसे 22 मिनट तक बोलने का मौका मिला। यही नहीं, इस लड़की ने शख़्स के लिये बुक स्टॉल भी लगवाया, जिसके लिये उसने शारीरिक मदद के साथ-साथ आर्थिक मदद भी की। ये लड़की इस शख़्स के लिये उस परी जैसी थी, जो कभी-कभी हमारे सपनों मेंं आया करती है।