80 फीसदी प्रधान इस बार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

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80 फीसदी प्रधान इस बार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

80 फीसदी प्रधान इस बार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव


रुडकी। अस्सी फीसदी वर्तमान प्रधान आने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। प्रधान के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने के सरकार के फैसले से उनकी दावेदारी पर ग्रहण लग गया है। लक्सर ब्लॉक में वर्तमान में निर्वाचित बीस फीसदी प्रधान ही शैक्षिक योग्यता की शर्त पूरी कर रहे हैं।

हरिद्वार जिले में पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2020 में समाप्त हो रहा है। सरकार इससे पहले त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत) के चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर रही है। इसके तहत पंचायतों के परिसीमन को अंतिम रूप दिया जा चुका है। त्रिस्तरीय पंचायतों में सबसे ज्यादा मारामारी प्रधान के पद पर होती है। यही वजह है कि अधिकांश प्रधान दोबारा से चुनाव लड़ते हैं। पर आने वाले चुनाव में ज्यादातर वर्तमान प्रधान खड़े नहीं हो सकेंगे। इस बार सरकार ने महिला प्रधान के लिए आठवीं व पुरुष के लिए दसवीं पास होने की शर्त रख दी है।

लक्सर की पचास पंचायतों में महज दस प्रधान ही इस शैक्षिक योग्यता को पूरा कर रहे हैं। बाकी के अस्सी फीसदी प्रधान बिना लड़े ही अगली बार प्रधान बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। प्रधान संगठन लक्सर के अध्यक्ष साधूराम सैनी का कहना है कि सरकार की सकारात्मक बदलाव लाने की है तो फिर स्थानीय निकाय, सहकारिता, विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी के लिए भी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करनी चाहिए थी। केवल पंचायत प्रतिनिधियों के लिए इसे लागू करना पक्षपातपूर्ण कदम है। उधर, ग्रामीण रामपाल सिंह, महक सिंह, राजकुमार आदि का कहना है कि पंचायतें ग्रामीण क्षेत्र के विकास की धुरी हैं। इनमें शिक्षित जन प्रतिनिधि चुनकर जाएंगे तो देहात में होने वाले विकास कार्यों में तेजी आएगी।