पत्नी को भरण-पोषण का खर्चा देने सिक्कों को बोरियों में भरकर कोर्ट पहुंचा पति...

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पत्नी को भरण-पोषण का खर्चा देने सिक्कों को बोरियों में भरकर कोर्ट पहुंचा पति...

जब भी पति- पत्नी अलग हो जाते हैं तो पति को पत्नि का गुजारा भत्ता देना होता है भले ही पत्नी कहीं भी रहे। लेकिन छत्तीसगढ़ की कुंटुंब अदालत में एक पति अपनी पत्नी के लिए भरण-पोषण के लिए पैसे तो लाया लेकिन सारे सिक्के, एक भी नोट नहीं। पैसे कम हों तो सिक्


पत्नी को भरण-पोषण का खर्चा देने सिक्कों को बोरियों में भरकर कोर्ट पहुंचा पति...
जब भी पति- पत्नी अलग हो जाते हैं तो पति को पत्नि का गुजारा भत्ता देना होता है भले ही पत्नी कहीं भी रहे। लेकिन छत्तीसगढ़ की कुंटुंब अदालत में एक पति अपनी पत्नी के लिए भरण-पोषण के लिए पैसे तो लाया लेकिन सारे सिक्के, एक भी नोट नहीं।

पैसे कम हों तो सिक्के लाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन वह 100 किलो सिक्के पांच बोरियों में भरकर लाया। यह देखकर सभी हैरान रह गए। इसका खामियाजा भी उसे ही भुगतना पड़ा। कुटुंब अदालत ने उसे निर्देश दिया कि वह सभी के सामने पैसे गिनकर पत्नी को दे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के पामगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले पुनीराम साहू की शादी यशोधरा से हुई थी। उनके चार बेटियां हैं। जिनमें से तीन बेटियों की शादी हो चुकी है। पुनीराम और यशोधरा के बीच अक्सर विवाद होता रहता था जिससे वो 20 साल पहले ही अलग हो गए थे।

अलग होने के बाद उनका केस परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। जहां उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया फिर ये मामला कुटुंब अदालत पहुंचा ।जहां से पुनीराम को आदेश दिया गया कि वह हर महीने 3700 रुपए यशोधरा को भरण-पोषण के लिए देगा।

पुनीराम लगातार पैसे भेज रहा था लेकिन पिछले 8 महीने से उसने पैसे नहीं भेजे थे। जिससे कुटुंब अदालत ने उससे 33 हजार 8 सौ रुपए पत्नी को देने के लिए कहा। पुनीराम वही पैसे पत्नी को देने के लिए गया था। वह पांच बोरियों में 1, 2, 5 और 10 के सिक्कों को भरकर ले गया।

जब उसने सारी बोरियां जज के सामने रख दी तो अदालत ने उसे पत्नी को परेशान करने की सजा दे दी। अदालत ने कहा वह सारे सिक्के गिने और सारी बोरियां पत्नी के घर तक पहुंचाए।

वहीं पुनीराम साहू से सिक्कों के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि  वह एक किसान है इसलिए सब्जी बेचकर उसने पत्नी को देने के लिए पैसे गुल्लक में जमा किए थे।  जिसे फोड़कर ही वह  पैसे लाया था। उसने बताया कि 33 हजार रुपए नोट में इकट्‌ठा करना मुश्किल हो रहा था इसलिए उसने सिक्के के रूप में जमा किया।