आज IAS है गरीब ड्राइवर की बेटी वनमति, कभी खेतों में चराती थी गाय-भैंस
केरल के इरोड जिले की रहने वाली सी.वनमती ने चरवाहा से IAS बनने का सफर कैसे तय किया, यह कहानी काबिले तारीफ है। सत्यमंगलम कॉलेज में पढ़ने वाली सी. वनमती एक साधारण सी लड़की थी, जिसके दिन की शुरुआत पशुओं को चारा खिलाने से शुरू होता था। पढ़ाई में मेहनती स
केरल के इरोड जिले की रहने वाली सी.वनमती ने चरवाहा से IAS बनने का सफर कैसे तय किया, यह कहानी काबिले तारीफ है। सत्यमंगलम कॉलेज में पढ़ने वाली सी. वनमती एक साधारण सी लड़की थी, जिसके दिन की शुरुआत पशुओं को चारा खिलाने से शुरू होता था।
पढ़ाई में मेहनती सी. वनमती को पहली बार में हालांकि सफलता नहीं मिली। पर इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और साल 2015 में आखिरकार उनका नाम UPSC के परिणाम सूची में शामिल हो ही गया।
इंटरव्यू से ठीक दो दिन पहले ही सी. वनमती के पिता टी. एन चेन्नियपन बीमार हो गए और उन्हें हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्यू की तैयारी की। IAS बनने वाली वनमती के माता-पिता बहुत पढ़े-लिखे नहीं थे।
रोड में इनका परिवार पशु-पालन करता था। पिता ड्राइवर थे। वनमती का बचपन भी भैंसों पर बैठकर और जानवरों को चराते हुए ही बीता था। लेकिन उनमें पढ़ाई को लेकर रुझान हमेशा से था।
12वीं के बाद नाते-रिश्तेदार वनमती पर शादी का दबाव डालने लगे। उसी दौरान वनमती ने ‘गंगा यमुना सरस्वती’ नाम का सीरियल देखा, जिसमें नायिका IAS ऑफिसर होती है। उन्हीं दिनों वनमती के स्कूल में जिले के कलेक्टर का दौरा हुआ।
टीवी पर आने वाला सीरियल और जिले के कलेक्टर ने वनमती को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने IAS बनने की ठान ली। UPSC में सलेक्शन से पहले वनमती ने कंप्यूटर एप्लीकेशन में PG किया और एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी की।
पढ़ाई में मेहनती सी. वनमती को पहली बार में हालांकि सफलता नहीं मिली। पर इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और साल 2015 में आखिरकार उनका नाम UPSC के परिणाम सूची में शामिल हो ही गया।
इंटरव्यू से ठीक दो दिन पहले ही सी. वनमती के पिता टी. एन चेन्नियपन बीमार हो गए और उन्हें हॉस्पिटलाइज करना पड़ा। अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्यू की तैयारी की। IAS बनने वाली वनमती के माता-पिता बहुत पढ़े-लिखे नहीं थे।
रोड में इनका परिवार पशु-पालन करता था। पिता ड्राइवर थे। वनमती का बचपन भी भैंसों पर बैठकर और जानवरों को चराते हुए ही बीता था। लेकिन उनमें पढ़ाई को लेकर रुझान हमेशा से था।
12वीं के बाद नाते-रिश्तेदार वनमती पर शादी का दबाव डालने लगे। उसी दौरान वनमती ने ‘गंगा यमुना सरस्वती’ नाम का सीरियल देखा, जिसमें नायिका IAS ऑफिसर होती है। उन्हीं दिनों वनमती के स्कूल में जिले के कलेक्टर का दौरा हुआ।
टीवी पर आने वाला सीरियल और जिले के कलेक्टर ने वनमती को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने IAS बनने की ठान ली। UPSC में सलेक्शन से पहले वनमती ने कंप्यूटर एप्लीकेशन में PG किया और एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी की।