आज चंद्रयान-2 पर टिकी हैं पूरी दुनिया की नजरें

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आज चंद्रयान-2 पर टिकी हैं पूरी दुनिया की नजरें

बेंगलुरु। देश ही नहीं पूरे विश्व की निगाहें आज रात पर टिकी हैं जब चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इस अभियान के सफल होने पर रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चाँद पर


आज चंद्रयान-2 पर टिकी हैं पूरी दुनिया की नजरें
बेंगलुरु। देश ही नहीं पूरे विश्व की निगाहें आज रात पर टिकी हैं जब चंद्रयान-2 लैंडर  विक्रम  अपने साथ रोवर  प्रज्ञान  को लेकर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इस अभियान के सफल होने पर रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चाँद पर  सॉफ्ट लैंडिंग  करने वाला दुनिया का चौथा और चाँद के अब तक अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुँचने वाला पहला राष्ट्र बन जाएगा। लैंडर के उतरने के लगभग चार घंटे बाद इसके भीतर से रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चाँद की सतह पर एक चंद्र दिन (धरती के 14 दिन के बराबर) तक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। शुक्रवार देर रात 1 से 2 बजे के बीच यह सतह की ओर बढऩे लगेगा। चांद के आखिरी ऑर्बिट से निकलने के बाद सतह से 35 किमी दूर से विक्रम लैंडिंग के लिए बढऩा शुरू कर देगा। पहले 10 मिनट में यह 7.7 किमी की ऊंचाई तक आएगा और उसके अगले 38 सेकंड में 5 किमी ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। इसके 89 सेकंड बाद 400 मीटर और फिर 66 सेकंड में 100 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। रात डेढ़ बजे और ढाई बजे के बीच हिंदुस्तान रच देगा।
इस ऐतिहासिक क्षण को नजरभर देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश भर से आये करीब 70 छात्र-छात्राएँ शनिवार तड़के इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र में मौजूद रहेंगी। मोदी और ये छात्र-छात्राएँ चाँद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में होने वाली चंद्रयान-2 के लैंडर  विक्रम  की  सॉफ्ट लैंडिंग  के दृश्य सीधे देख सकेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिता में प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले दो-दो छात्रों को अंतरिक्ष एजेंसी ने चाँद की सतह पर  चंद्रयान-2  के लैंडर  विक्रम  की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए अपने केंद्र में आमंत्रित किया है। अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसरो के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय ने माईगोवडॉटइन के साथ मिलकर 10 से 25 अगस्त तक एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की थी। च्जि प्रतियोगिता की अवधि 10 मिनट की थी जिसमें अधिकतम 20 सवालों का जवाब देना था।
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है। इस दौरान वह लगातार चाँद की परिक्रमा कर धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) के बारे में जानकारी भेजता रहेगा। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग होने के दो दिन बाद बुधवार को चंद्रयान-2 की दूसरी डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई।