एंबुलेंस न मिलने पर बाइक से ले जा रहा था अस्पताल, सड़क पर हुआ प्रसव

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एंबुलेंस न मिलने पर बाइक से ले जा रहा था अस्पताल, सड़क पर हुआ प्रसव

उन्नाव। कई बार फोन करने के बाद भी 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा। मंगलवार सुबह गर्भवती को एंबुलेंस नहीं मिली। इस पर आशा ने एक रिश्तेदार के द्वारा गर्भवती को अस्पताल भेजा। लेकिन रास्ते में ही उसने बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद


एंबुलेंस न मिलने पर बाइक से ले जा रहा था अस्पताल, सड़क पर हुआ प्रसव
उन्नाव।  कई बार फोन करने के बाद भी 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा। मंगलवार सुबह गर्भवती को एंबुलेंस नहीं मिली। इस पर आशा ने एक रिश्तेदार के द्वारा गर्भवती को अस्पताल भेजा। लेकिन रास्ते में ही उसने बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को टेंपो से अस्पताल पहुंचाया गया। एंबुलेंस न मिलने की रिपोर्ट सीएचसी प्रभारी ने अधिकारियों को दी है।

सफीपुर के कादिरनपुर निवासी माया पत्नी राजेंद्र को मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। आशा रतना ने एंबुलेंस के लिए फोन मिलाया। आधा घंटा बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में उसने रिश्तेदार संजय से मदद मांगी। संजय माया को बाइक से अस्पताल ले जाने लगा।

तभी रास्ते में ही माया की हालत बिगड़ने लगी। ऐसे में आशा ने उसे बाइक से नीचे उतार दिया। आसपास की महिलाओं की मदद से आशा ने सड़क पर ही प्रसव कराया। जिसके बाद एक टेंपो से जच्चा-बच्चा को अस्पताल भेजा गया। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार सफीपुर अस्पताल में चिकित्सा प्रभारी ललित कुमार ने जच्चा व नवजात बच्ची की सेहत का हाल जाना। प्रभारी ललित कुमार ने बताया कि एंबुलेंस न मिलने की रिपोर्ट स्वास्थ्य अधिकारियों को दे दी गई है।