UP में फेंका जा रहा उत्तराखंड की फैक्ट्रियों का कचरा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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UP में फेंका जा रहा उत्तराखंड की फैक्ट्रियों का कचरा

काशीपुर/ठाकुरद्वारा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद उत्तराखंड की फैक्ट्रियों का कचरा यूपी के सीमावर्ती क्षेत्र में लाकर जलाया जा रहा है। इससे गंदगी के साथ होने वाले प्रदूषण से क्षेत्रवासी परेशान हैं। उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से लाखों टन कचरा


UP में फेंका जा रहा उत्तराखंड की फैक्ट्रियों का कचरा
काशीपुर/ठाकुरद्वारा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद उत्तराखंड की फैक्ट्रियों का कचरा यूपी के सीमावर्ती क्षेत्र में लाकर जलाया जा रहा है। इससे गंदगी के साथ होने वाले प्रदूषण से क्षेत्रवासी परेशान हैं।

उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से लाखों टन कचरा निकलता है, जिसका एनजीटी के मानकों के अनुसार डिस्पोजल करने की फैक्ट्रियों के पास कोई व्यवस्था नहीं है, लिहाजा एनजीटी ने पिछले दिनों उत्तराखंड में प्लास्टिक मिश्रित कचरा जलाने पर भारी जुर्मान की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद फैक्ट्रियों का कचरा डिस्पोजल की बजाए उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र ठाकुरद्वारा की सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि प्रति दिन रात को डंपरों में कचरा भरकर मुरादाबाद रोड, अलीगंज रोड, जसपुर रोड, रतूपुरा रोड, कमालपुरी रोड, सुरजन नगर रोड समेत लिंक मार्गों के किनारे पलटा जा रहा है। इस कार्य को बड़े पैमाने पर ठेकेदार कर रहे हैं। उनको कचरा उठाने का फैक्ट्रियां भी प्रति कुंतल भुगतान कर रही हैं। दूसरे कचरे के ढेरा में आग लगाकर जलाया जा रहा है। कचरे के जलने पर धातू को एकत्र कर मुनाफा कमा रहे हैं। इस तरफ नागरिकों की सेहत से खिलवाड़ कर धंधेबाज मुनाफा कमाने में लगे हैं।

इस कचरे को लेकर भाजपा नगराध्यक्ष शिवेंद्र गुप्ता समेत अन्य नागरिक शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। दूसरी तरफ एसडीएम डा. अजय कुमार ने भी पिछले दिना ईदगाह और मंदिर का निरीक्षण करते वक्त नगर पालिका ईओ को रोड किनारे फैक्ट्रियों का प्लास्टिकयुक्त कचरा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक नगर पालिका ने कोई कार्रवाई नहीं की है।