जियो की कॉल अटकाना वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को पड़ा भारी, देनी होगी पेनाल्टी!
नई दिल्ली। अब जियो की कॉल अटकाने पर वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को पेनाल्टी देनी होगी। इस बात की मंजूरी दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिश के बाद डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने दे दी है। डीसीसी ने 3050 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाने को मंजूरी दी है। इस मामले
नई दिल्ली। अब जियो की कॉल अटकाने पर वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को पेनाल्टी देनी होगी। इस बात की मंजूरी दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिश के बाद डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने दे दी है। डीसीसी ने 3050 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाने को मंजूरी दी है।
इस मामले पर अंतिम फैसला सरकार को लेना है। डीसीसी प्रशासनिक तौर पर नीतियां बनाने वाली टेलीकॉम डिपार्टमेंट की सर्वोच्च संस्था है। डीसीसी ने भारती एयरटेल और वोडाफोन पर कुल 2100 करोड़ रुपये पेनाल्टी की सिफारिश है, जबकि आइडिया पर 950 करोड़ रुपये की पेनाल्टी की सिफारिश ट्राई ने की थी।
इन कंपनियों पर आरोप है कि वे 2016 में रिलायंस जियो को शुरुआत में प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन नहीं दे रहीं थीं। प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन न होने की वजह से जियो के ग्राहक की ओर से की गई कॉल नहीं लगती थी। आरोप है कि जियो के नेटवर्क को कमजोर दिखाने के लिए ऐसा किया जा रहा था। जियो की शिकायत के बाद ट्राई ने हर सर्किल के हिसाब से 50 करोड़ रुपये की पेनाल्टी की सिफारिश की थी। ट्राई के मुताबिक इंटरकनेक्ट न देने का मामला भारती एयरटेल और वोडाफोन के 21-21 सर्किल और आइडिया के 19 सर्किल में पाया गया था। बाद में वोडाफोन और आइडिया का मर्जर हो गया।
इस मामले पर अंतिम फैसला सरकार को लेना है। डीसीसी प्रशासनिक तौर पर नीतियां बनाने वाली टेलीकॉम डिपार्टमेंट की सर्वोच्च संस्था है। डीसीसी ने भारती एयरटेल और वोडाफोन पर कुल 2100 करोड़ रुपये पेनाल्टी की सिफारिश है, जबकि आइडिया पर 950 करोड़ रुपये की पेनाल्टी की सिफारिश ट्राई ने की थी।
इन कंपनियों पर आरोप है कि वे 2016 में रिलायंस जियो को शुरुआत में प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन नहीं दे रहीं थीं। प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन न होने की वजह से जियो के ग्राहक की ओर से की गई कॉल नहीं लगती थी। आरोप है कि जियो के नेटवर्क को कमजोर दिखाने के लिए ऐसा किया जा रहा था। जियो की शिकायत के बाद ट्राई ने हर सर्किल के हिसाब से 50 करोड़ रुपये की पेनाल्टी की सिफारिश की थी। ट्राई के मुताबिक इंटरकनेक्ट न देने का मामला भारती एयरटेल और वोडाफोन के 21-21 सर्किल और आइडिया के 19 सर्किल में पाया गया था। बाद में वोडाफोन और आइडिया का मर्जर हो गया।