हम सब को मिलकर ग्लोबल वार्मिंग का मुक़ाबला करना है: महमूद मदनी

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हम सब को मिलकर ग्लोबल वार्मिंग का मुक़ाबला करना है: महमूद मदनी

नई दिल्ली। खुशहाल और एकता में बंधे भारत का सपना अलग अलग विचारधाराओं, फिरको और धर्मों के दरमियान मिलाप और आपसी भाईचारे से ही साकार हो सकता है। इसके लिए यह जरूरी है कि हम किसी तरह के भेदभाव के बगैर हर शख्स को और हर जगह साफ-सुथरे, सर सब्ज और खुशहाल भवि


हम सब को मिलकर ग्लोबल वार्मिंग का मुक़ाबला करना है: महमूद मदनी
नई दिल्ली। खुशहाल और एकता में बंधे भारत का सपना अलग अलग विचारधाराओं, फिरको और धर्मों के दरमियान मिलाप और आपसी भाईचारे से ही साकार हो सकता है। इसके लिए यह जरूरी है कि हम किसी तरह के भेदभाव के बगैर हर शख्स को और हर जगह साफ-सुथरे, सर सब्ज और खुशहाल भविष्य प्रदान कराने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करें।  इस संदेश के साथ, जमीअत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी और प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक नेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, अध्यक्ष परमार्थ निकितिन ऋषिकिश के नेतृत्व में तीन दिवसीय यात्रा आज धार्मिक शहर ऋषिकेश से शुरू हुई, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।
यह यात्रा आज सुबह 8 बजे परमार्थ निकितिन ऋषिकेश से शुरू हुई,उसके बाद  रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, हरिद्वार रेलवे स्टेशन, मदरसा दारुल उलूम राशिदिया जुवालपुर, मदरसा जामिया हुसैनिया मरग़ूबपुर, नेशनल हाईवे बायपास पुर क़ाज़ी,  बागोवाली, जामिया अल हिदाया चरथावल, जय हिन्द इंटर कॉलेज चरथावल, जामिआ हुसैनिया तावली,  मदनी युथ सेंटर मुज़फ्फरनगर में एक समारोह पर जाकर ख़त्म हुई। देवबंद से तीर्थयात्रा कल (26 अगस्त) को फिर से शुरू होगी। ये वृक्षारोपण कार्य जमीअत यूथ क्लब और ग्लोबल इंटरफेथ वॉश अलायंस (जीवा) द्वारा आयोजित किया जारहा है।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि आज के दौर में इस का कोई स्थान नहीं है कि हम मतभेदों और जात पात में उलझे रहें,  हम इतिहास के इस अहम मोड़ पर हैं जहाँ हमें इंसानी ज़िन्दगी को खतरे से बचाना है, हमारे सामने धरती का तापमान (ग्लोबल वार्मिंग), वायलेंस और प्राकृतिक आपदाओं  में लगातार बढ़ोतरी के चैलेंज हैं,जिससे महासागरों, नदियों और यहां तक कि सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता भी आधुनिक समय का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। इसी वजह से  हम ने संकल्प किया है  हम संयुक्त रूप से अपने प्रदूषित और सिकुड़ते पानी के भण्डारो को पुनर्प्राप्त करने और अपने जंगलों, शहरों और गांवों की रक्षा करने के लिए पेड़ लगाने का अभियान चलाएंगे। हमने स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के नेतृत्व में इस यात्रा का शुभारंभ किया है। हमारे इस आंदोलन को बहु-धर्मों और सांस्कृतिक विविधता के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि यह वतन हम सब का है और हम सब को मिल कर इसे सजाना है। आज, यह आवश्यक है कि हम अपनी मातृभूमि की छाती में पानी और हरियाली की ज़ीनत बढ़ाएं। हरियाली के बिना, साफ पानी तक पहुंच संभव नहीं है। इसलिए, आज हम, हिंदुओं और मुसलमानों ने मिलकर एक हरित आंदोलन शुरू किया है, और हमें अपने मन और अपने जल दोनों को साफ करना होगा।
इस यात्रा में, उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी की जमीअत और परमार्थ निकेतन  के ज़िम्मेदार और कार्यकर्ता बड़ी तादाद में मौजूद थे। जमीअत के केंद्रीय दफ्तर से मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, सचिव जमीयत उलेमा-ए-हिंद, मौलाना आरिफ कासमी, अध्यक्ष जमीअत उलेमा-ए-उत्तराखंड, मौलाना हारून अध्यक्ष जमीयत उलेमा हरिद्वार, कारी शमीम रुड़की,  मौलाना मुफ़्ती बिन्यामीन, कारी ज़ाकिर मुज़फ्फरनगर और कारी अहमद अब्दुल्लाह ऑर्गनिज़र जमीअत उलमा-ए-हिन्द समेत कई ज़िम्मेदार शरीक थे।