जब हाजी सिराजुद्दीन बोले- हम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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जब हाजी सिराजुद्दीन बोले- हम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते!

अज़हर उमरी आगरा। आजादी की लड़ाई के लिए सुऐब मोहम्मदिया ऐग्लो ओरीयन्टल कॉलेज का मुस्तुफा हॉल मुजाहीदीने आजादी का केन्द्र था। अलीगढ़ यूनीवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना ने हिन्दुस्तान के बंटवारे का प्रस्ताव मुसलमानों के बीच में रखा। उसके बाद 27 मार्च 1947


जब हाजी सिराजुद्दीन बोले- हम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते!
अज़हर उमरी
आगरा। आजादी की लड़ाई के लिए सुऐब मोहम्मदिया ऐग्लो ओरीयन्टल कॉलेज का मुस्तुफा हॉल मुजाहीदीने आजादी का केन्द्र था। अलीगढ़ यूनीवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना ने हिन्दुस्तान के बंटवारे का प्रस्ताव मुसलमानों के बीच में रखा। उसके बाद 27 मार्च 1947 को शोबिया कॉलेज मुस्तुफा हॉल में बंटवारे का प्रस्ताव रखा।

तत्कालीन आगरा नगर पालिका के चेयरमैन अख्तर आदिल साहब ने मोहम्मद अली जिन्ना का स्वागत किया। उसके बाद एक सपास नामा पेश किया। हिन्दुस्तान के बंटवारे का प्रस्ताव पाकिस्तान बनाने के लिए पेश हुआ। उसी समय हाजी सिराजुद्दीन उर्फ चाया सिराजू उसके विरूद्ध खड़े हो गए और विरोध करते हुए कहा हम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते और हम पाकिस्तान नहीं चाहते और सभा का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल आए।

पांच महीने के बाद अंग्रेज हिन्दुस्तान छोड़ कर चले गए और देश आजाद हो गया।  हाजी सिराजुद्दीन कुरैशी जैसे स्वतंत्रता सेनानी की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता।