सैनिको का संबल होती हैं पत्नियां: मधु सक्सेना

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सैनिको का संबल होती हैं पत्नियां: मधु सक्सेना

आगरा। सैनिको का संबल उनकी पत्नियां होती है । सैनिक सीमा पर तभी सजगता और बहादुरी से देश की रक्षा कर पाता है जब उनकी वीरांगनाएं उनकी सारी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी अपने उपर लेती है। ये कहना था वामांगनी कार्यक्रम में एटा से आई वीरांगना ममता देवी


सैनिको का संबल होती हैं पत्नियां: मधु सक्सेना
आगरा। सैनिको का संबल उनकी पत्नियां होती है । सैनिक सीमा पर तभी सजगता और बहादुरी से देश की रक्षा कर पाता है जब उनकी वीरांगनाएं उनकी सारी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी अपने उपर लेती है। ये कहना था वामांगनी कार्यक्रम में एटा से आई वीरांगना ममता देवी का |

रिवाज की ओर से फतेहाबाद रोड स्थित होटल बिग ड्रीम में आयोजित वामांगनी कार्यक्रम में सैनिकों की पत्नियों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि समाजसेवी बबिता चौहान ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रवज्जलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की | जिसमे आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, इटावा आदि शहरो से आई सेनिको की अर्धांगिनीयो से उनके पति की वीरता की गाथा सभी ने सुनी |

रिवाज संस्था की अध्यक्ष मधु सक्सेना ने बताया कि सैनिकों की वीरांगनाएं भी सैनिकों की तरह ही सम्माननीय हैं। संस्था का उद्देश्य समाज के हर उस व्यक्ति तक पहुंचना है जो खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं। संस्था किन्नर, दिव्यांग और मूकबधिरों के उत्थान और उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए लगातार प्रयासरत है।

वीरांगनाओं को सम्मान स्वरूप तुलसी का पौधा और सम्मान पत्र भेंट किये। कार्यक्रम का श्रुति श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से धर्मेंद्र सैनी, अंशिका सक्सेना, लीलाराम धवन, भंवर सिंह, सतेंद्र यादव, मयूरी अल्बेलकर आदि मौजूद रहे।