लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली महिला कमांडोंज अब फहरायेंगी तिरंगा

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लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली महिला कमांडोंज अब फहरायेंगी तिरंगा

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बस्तर के बीहड़ों में कभी लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली महिलाएं भी इस बार स्वतंत्रता दिवस के परेड में सम्मिलित होंगी और लोकतंत्र के इस महापर्व का हिस्सा बनेंगी। हालांकि इन सभी महिलाओं का लोकतंत्र के विरूद्ध लड़ाई लडऩ


लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली महिला कमांडोंज अब फहरायेंगी तिरंगा
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बस्तर के बीहड़ों में कभी लोकतंत्र के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाली महिलाएं भी इस बार स्वतंत्रता दिवस के परेड में सम्मिलित होंगी और लोकतंत्र के इस महापर्व का हिस्सा बनेंगी। हालांकि इन सभी महिलाओं का लोकतंत्र के विरूद्ध लड़ाई लडऩे की वजह अलग-अलग रही है, लेकिन अब इनकी जिंदगी का केवल एक ही मकसद है और वह है नक्सलवााद के खात्मे का।
दरअसल छत्तीसगढ़ के लिए नक्सल समस्या चिंता का विषय बनी रही है, लेकिन इसके विपरीत ही सरकार ने नक्सल पुनर्वास नीति की भी शुरूआत की थी, जिसके बेहतर परिणाम भी मिले हैं। पहले लोकतंत्र के खिलाफ हथियार उठाने वाले लोग अब लोकतंत्र को बचाने हथियार उठा चुके हैं, या यूं कहें तो शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पित महिला नक्सलियों की एक प्लाटून बना उन्हें भी नक्सल विरोधी अभियान में शामिल किया गया था और टीम को डीएसपी नंद कमांड कर रही हैं। इन महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद दक्षिण बस्तर के बीहड़ जंगलों में उतारा गया है, जिनका नाम दंतेश्वरी फाईटर रखा गया है.
पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्ल्व के मुताबिक इस बार आजादी के महापर्व में दंतेश्वरी फाईटर की एक प्लाटून बीहड़ जंगलों से निकलकर आजादी के जश्र में शरीक होगी और परेड का हिस्सा बनेंगी, जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।
इसके अलावा सबसे अहम बात यह है कि इस पूरी परेड की कमांड महिला डीएसपी दंतेश्वरी नंद बतौर कमांडर  तथा एएसाआई अनिता मेश्राम परेड टूआईसी के तौर पर लिड करेंगी। इन्ही के कमांड पर पूरे 14 दल परेड कर राष्ट्रध्वज को सलामी देंगे और इस तरह महिला सशक्तिकरण की एक झलक दक्षिण बस्तर के जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में देखने को मिलेगा।