आज़म के खिलाफ यतीम-किसानों का आक्रोश, पीड़ितों ने रोका 21 सपा विधायकों का काफिला...

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आज़म के खिलाफ यतीम-किसानों का आक्रोश, पीड़ितों ने रोका 21 सपा विधायकों का काफिला...

रामपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला और जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाफ़िज़ अब्दुल सलाम के नेतृत्व में पिछली सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां के जुल्मों का शिकार हुए सैकड़ों लोगों ने आज अखिलेश यादव द्वारा 2


आज़म के खिलाफ यतीम-किसानों का आक्रोश, पीड़ितों ने रोका 21 सपा विधायकों का काफिला...
रामपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला और जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाफ़िज़ अब्दुल सलाम के नेतृत्व में पिछली सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां के जुल्मों का शिकार हुए सैकड़ों लोगों ने आज अखिलेश यादव द्वारा 21 विधायकों की गठित तथाकथित जांच कमेटी से पहले तो मिलकर अपना ज्ञापन सौंपना चाहा लेकिन जांच कमेटी के विधायकों द्वारा पीड़ित लोगों की फरियाद न सुनने पर विधायकों को पीड़ित परिवारों का गुस्सा झेलना पड़ा पीड़ित परिवारों ने रामपुर स्थित गांधी समाधि पर सपा विधायकों की गाड़ियों का घेराव किया और आज़म के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की।
पीड़ितों की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता फैसल लाला ने कहा कि आजम खां के सताए गए पीड़ितों की शिकायतों पर रामपुर जिला प्रशासन निष्पक्ष कार्यवाही कर रहा है उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जो तथाकथित 21 विधायकों की जांच कमेटी बनाकर रामपुर भेजी थी वह सफेद हाथी साबित हुई है यह कमेटी रामपुर अगर जांच करने के इरादे से आई होती तो आजम खां के द्वारा सताए गए लोगों से भी मिलती उनका पीड़ितों से न मिलना यह दर्शाता है कि समाजवादी पार्टी आजम खां के काले कारनामों पर पर्दा डालना चाहती है और मुसलमानों के नाम पर झूठ की राजनीति करती है, फैसल लाला ने कहा कि हमने पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर पीड़ित परिवारों को आजम खां के जुल्मों के खिलाफ जांच टीम से मिलकर ज्ञापन देने का आग्रह किया था साथ ही जांच टीम के सदस्य विधायक नवाब जान एवं इकराम कुरैशी से फोन पर बात कर ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा था जिस पर उपरोक्त दोनों विधायकों ने कहा था कि पार्टी के निर्देश अनुसार पीड़ितों से ज्ञापन लिया जाएगा लेकिन उन्होंने ज्ञापन नहीं लिया इसलिए समाजवादी पार्टी और 21 विधायकों की गठित कमेटी सवालों के घेरे में है। यह लोग मजलूमों के दुश्मन और ज़ालिम के साथी हैं।