पूर्व विधायक सखावत हुसैन नहीं रहे
ठाकुरद्वारा। पूर्व विधायक हाजी सखावत हुसैन का सोमवार की अहले सुबह इंतकाल हो गया। वह पिछले करीब 6 माह से बीमार थे। इनके इंतकाल पर परिजनों समेत समर्थक गमजदा हैं। ग्राम शरीफ नगर निवासी सखावत हुसैन 1985 में पहली मर्तबा कांग्रेस जे के टिकट पर चुनाव जीतकर
ठाकुरद्वारा। पूर्व विधायक हाजी सखावत हुसैन का सोमवार की अहले सुबह इंतकाल हो गया। वह पिछले करीब 6 माह से बीमार थे। इनके इंतकाल पर परिजनों समेत समर्थक गमजदा हैं।
ग्राम शरीफ नगर निवासी सखावत हुसैन 1985 में पहली मर्तबा कांग्रेस जे के टिकट पर चुनाव जीतकर अंसारी बिरादरी के बड़े नेता के रूप में उभरे थे। इसके साथ ही उनकी पत्नी हाजरा बेगम 2015 तक ग्राम प्रधान रहीं। वह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे। वालीबॉल के अच्छे प्लेयर सखावत हुसैन की आयु लगभग सत्तर वर्ष थी।
वह छह माह पूर्व बीमार हुए थे। उन्होंने अपने पीछे तीन पुत्र ताजुद्दीन, गयासुद्दीन और डॉ मेराजुद्दीन समेत पोते नातियों से भरा पूरा परिवार छोड़ा है। उनके इंतकाल पर परिवार में गम का माहौल है। सामाजिक और राजनीतिक लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उनकी नमाज़-ए-जनाजा असर की नमाज के बाद मदरसा नूरुल उलूम में अदा की जाएगी। मदरसे के पास ही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
ग्राम शरीफ नगर निवासी सखावत हुसैन 1985 में पहली मर्तबा कांग्रेस जे के टिकट पर चुनाव जीतकर अंसारी बिरादरी के बड़े नेता के रूप में उभरे थे। इसके साथ ही उनकी पत्नी हाजरा बेगम 2015 तक ग्राम प्रधान रहीं। वह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे। वालीबॉल के अच्छे प्लेयर सखावत हुसैन की आयु लगभग सत्तर वर्ष थी।
वह छह माह पूर्व बीमार हुए थे। उन्होंने अपने पीछे तीन पुत्र ताजुद्दीन, गयासुद्दीन और डॉ मेराजुद्दीन समेत पोते नातियों से भरा पूरा परिवार छोड़ा है। उनके इंतकाल पर परिवार में गम का माहौल है। सामाजिक और राजनीतिक लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उनकी नमाज़-ए-जनाजा असर की नमाज के बाद मदरसा नूरुल उलूम में अदा की जाएगी। मदरसे के पास ही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।