पापड़ बिजनेस के लिए 4 लाख का सस्ता लोन देगी सरकार
नई दिल्ली। अगर आप दो लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट से बिजनेस शुरू करना चाहते है, तो पापड़ मेकिंग एक अच्छा बिजनेस हो सकता है। भारत सरकार के उपक्रम नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (NSIC) ने इसके लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। जिसके जरिए आपको मुद्रा
नई दिल्ली। अगर आप दो लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट से बिजनेस शुरू करना चाहते है, तो पापड़ मेकिंग एक अच्छा बिजनेस हो सकता है।
भारत सरकार के उपक्रम नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (NSIC) ने इसके लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। जिसके जरिए आपको मुद्रा स्कीम के तहत 4 लाख रुपए का लोन सस्ते रेट पर मिल जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार 6 लाख रुपए के टोटल इन्वेस्टमेंट से करीब 30 हजार किलो की प्रोडक्शन कैपेसिटी तैयार हो जाएगी। इस कैपिसिटी के लिए 250 वर्गमीटर जमीन की जरूरत पड़ेगी।
टोटल खर्च: 6.05 लाख रुपए
टोटल खर्च में फिक्स्ड कैपिटल और वर्किंग कैपिटल का खर्च शामिल है।
फिक्स्ड कैपिटल: इसमें हर तरह की डो मशीन, पैकेजिंग मशीन, इक्विपमेंट जैसे तमाम खर्च शामिल है।
वर्किंग कैपिटल: इसमें स्टाफ की 3महीने की सैलरी, तीन महीने में लगने वाले रॉ मैटेरियल और यूटिलिटी प्रोडक्ट का खर्च शामिल है। इसके अलावा इसमें किराया, बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल जैसे खर्च भी शामिल हैं।
इसके लिए आपके पास एक जगह होनी चाहिए। अगर आपके पास जगह नहीं है तो इसे रेंट पर लिया जा सकता है, जिसके लिए आपको 3 हजार रुपए महीने तक रेंट देना होगा। मैन पावर में 3 अनस्किल्ड लेबर, 2 स्किल्ड लेबर और एक सुपवाइजर रखना होगा। इन सबकी सैलरी पर 25,000 रुपए खर्च होगा, जो जो वर्किंग कैपिटल में ऐड किया गया है।
भारत सरकार के उपक्रम नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (NSIC) ने इसके लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है। जिसके जरिए आपको मुद्रा स्कीम के तहत 4 लाख रुपए का लोन सस्ते रेट पर मिल जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार 6 लाख रुपए के टोटल इन्वेस्टमेंट से करीब 30 हजार किलो की प्रोडक्शन कैपेसिटी तैयार हो जाएगी। इस कैपिसिटी के लिए 250 वर्गमीटर जमीन की जरूरत पड़ेगी।
टोटल खर्च: 6.05 लाख रुपए
टोटल खर्च में फिक्स्ड कैपिटल और वर्किंग कैपिटल का खर्च शामिल है।
फिक्स्ड कैपिटल: इसमें हर तरह की डो मशीन, पैकेजिंग मशीन, इक्विपमेंट जैसे तमाम खर्च शामिल है।
वर्किंग कैपिटल: इसमें स्टाफ की 3महीने की सैलरी, तीन महीने में लगने वाले रॉ मैटेरियल और यूटिलिटी प्रोडक्ट का खर्च शामिल है। इसके अलावा इसमें किराया, बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल जैसे खर्च भी शामिल हैं।
इसके लिए आपके पास एक जगह होनी चाहिए। अगर आपके पास जगह नहीं है तो इसे रेंट पर लिया जा सकता है, जिसके लिए आपको 3 हजार रुपए महीने तक रेंट देना होगा। मैन पावर में 3 अनस्किल्ड लेबर, 2 स्किल्ड लेबर और एक सुपवाइजर रखना होगा। इन सबकी सैलरी पर 25,000 रुपए खर्च होगा, जो जो वर्किंग कैपिटल में ऐड किया गया है।