दूल्‍हे को टॉयलेट में खड़े होकर भेजनी होगी सेल्‍फी, सरकार ने रखी ये अजीब शर्त...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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दूल्‍हे को टॉयलेट में खड़े होकर भेजनी होगी सेल्‍फी, सरकार ने रखी ये अजीब शर्त...

भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना' में बड़ा बदलाव किया है जिससे दूल्हे नाराज हो गए हैं। सरकार ने अब इसमें एक अजीब शर्त जोड़ दी है जिसके तहत अब दूल्हों को अपने घर में बने टॉयलेट में खड़े होकर सेल्फी लेना है वरना दुल्


दूल्‍हे को टॉयलेट में खड़े होकर भेजनी होगी सेल्‍फी, सरकार ने रखी ये अजीब शर्त...भोपाल।  प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने  'मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना' में बड़ा बदलाव किया है जिससे दूल्हे नाराज हो गए हैं।

सरकार ने अब इसमें एक अजीब शर्त जोड़ दी है जिसके तहत अब दूल्हों को अपने घर में बने टॉयलेट में खड़े होकर सेल्फी लेना है वरना दुल्हन को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत 51 हजार रुपये की राशि नहीं मिल सकेगी।

इसको लेकर विरोध भी शुरू हो गया है, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये हैं, अजीबोगरीब शर्तें रखकर सरकार ने अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है।

दरअसल, कमलनाथ सरकार ने 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना' के तहत अब 51,000 रुपये की अनुदान राशि देने का फैसला किया है। पहले इस योजना के तहत 28 हजार रुपए की राशि दी जाती थी। लेकिन इस राशि को लेने के लिए सरकार ने अब एक अजीब शर्त रख दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नई शर्त के तहत सरकार ने टॉयलेट के साथ सेल्फी भेजने वालों को 51 हजार देने का फैसला लिया है।  होने वाले दूल्हे की अब ‘टॉयलेट’ वाली सेल्फी एक सबूत की तरह होगी। इसके बाद दुल्हन को एक आवेदन भरना होगा, जिसके बाद सरकार उसे 51 हजार रूपए भुगतान करेगी। जिसके चलते सरकारी अधिकारी कहीं भी टॉयलेट चेक करने नहीं जा रहे हैं। वे दूल्हे से डिमांड करते हैं कि वह टॉयलेट में खींची गई एक स्टैंडिंग सेल्फी उन्हें भेजे।

बताया जा रहा है कि टॉयलेट में खड़े होकर फोटो खिंचवाने में दूल्हों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। भोपाल में हाल ही में हुए सामूहिक निकाह के दौरान दूल्हों से ऐसी मांग रखी गई है| शपथ पत्र के साथ दूल्हों को टॉयलेट में खड़े होकर खिंचाई गई फोटो लगाना पड़ रहा है, अगर ऐसा नहीं किया गया तो योजना के तहत आवेदन स्वीकार नहीं किया जा रहा है|

लोग इस शर्त को गैरजरूरी बताते हुए इसका विरोध भी कर रहे हैं| हालाँकि इस तरह की शर्त का यह मामला अभी सिर्फ भोपाल में सामने आया है| अधिकारियों में इसको लेकर असमंजस की स्तिथि है|