यहां मात्र 120 रुपये में बिकता है लड़कियों का जिस्म
नई दिल्ली। रेड लाइट एरिया का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सेक्स वर्कस की एक छवि उभर उठती है। चमकीले कपड़े और हेवी मेकअप से सजी महिलाएं सड़क के किनारे ग्राहकों के इंतजार में बैठी रहती हैं। कुछ लोग इन्हें दया की दृष्टि से तो कुछ घृणा भरी नजरों से देखत
नई दिल्ली। रेड लाइट एरिया का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सेक्स वर्कस की एक छवि उभर उठती है। चमकीले कपड़े और हेवी मेकअप से सजी महिलाएं सड़क के किनारे ग्राहकों के इंतजार में बैठी रहती हैं।
कुछ लोग इन्हें दया की दृष्टि से तो कुछ घृणा भरी नजरों से देखते हैं, लेकिन इनकी वास्तविक जिंदगी कितनी दर्दभरी है इसकी कल्पना भी हमारी सोच से परे है। हम यहां एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया सोनागाछी के बारे में बताएंगे जो कोलकाता में स्थित है।
कहा जाता है कि पूरे एशिया में देह व्यापार के लिए सबसे ज्यादा लड़कियां सोनागाछी इलाके से ही जाती हैं। इसी वजह से यौनकर्मियों और ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से यह एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया है।
आंकड़ों की बात करें तो यहां करीब 12 हजार महिलाएं सेक्स वर्कर के तौर पर काम करती हैं। यहां हर उम्र की महिलाएं इस काम में लिप्त हैं। खासकर, इनमें ज्यादातर लड़कियां 18 साल से भी कम उम्र की है।
बता दें कि कोलकाता का यह इलाका एक स्लम एरिया है। इनकी अंदरूनी गलियों, इनका रहन-सहन, इनकी दिनचर्या को देखकर इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि आर्थिक रुप से ये महिलाएं किस हद तक मजबूर हैं।
कुछ रिर्पोट्स में इस बात का खुलासा किया गया कि यहां 18 साल से कम उम्र की बच्चियों को मात्र 120 रुपये में बेच दिया जाता है। गरीबी का आलम तो यह है कि महज 130 से 200 रुपये के लिए यहां की लड़कियां अपने जिस्म का सौदा करने से नहीं कतराती हैं।
इस दलदल में पैदा होने वाली बच्चियों की किस्मत में जिंदगी के आने वाले क्षणों में यही काम करना लिखा होता है। आप तस्वीरों से इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि हर रोज इन्हें किन-किन तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
कुछ लोग इन्हें दया की दृष्टि से तो कुछ घृणा भरी नजरों से देखते हैं, लेकिन इनकी वास्तविक जिंदगी कितनी दर्दभरी है इसकी कल्पना भी हमारी सोच से परे है। हम यहां एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया सोनागाछी के बारे में बताएंगे जो कोलकाता में स्थित है।
कहा जाता है कि पूरे एशिया में देह व्यापार के लिए सबसे ज्यादा लड़कियां सोनागाछी इलाके से ही जाती हैं। इसी वजह से यौनकर्मियों और ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से यह एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया है।
आंकड़ों की बात करें तो यहां करीब 12 हजार महिलाएं सेक्स वर्कर के तौर पर काम करती हैं। यहां हर उम्र की महिलाएं इस काम में लिप्त हैं। खासकर, इनमें ज्यादातर लड़कियां 18 साल से भी कम उम्र की है।
बता दें कि कोलकाता का यह इलाका एक स्लम एरिया है। इनकी अंदरूनी गलियों, इनका रहन-सहन, इनकी दिनचर्या को देखकर इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि आर्थिक रुप से ये महिलाएं किस हद तक मजबूर हैं।
कुछ रिर्पोट्स में इस बात का खुलासा किया गया कि यहां 18 साल से कम उम्र की बच्चियों को मात्र 120 रुपये में बेच दिया जाता है। गरीबी का आलम तो यह है कि महज 130 से 200 रुपये के लिए यहां की लड़कियां अपने जिस्म का सौदा करने से नहीं कतराती हैं।
इस दलदल में पैदा होने वाली बच्चियों की किस्मत में जिंदगी के आने वाले क्षणों में यही काम करना लिखा होता है। आप तस्वीरों से इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि हर रोज इन्हें किन-किन तकलीफों का सामना करना पड़ता है।