वोट के लिए प्रयोग किया हिंदू आतंकवाद शब्द: जेटली

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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वोट के लिए प्रयोग किया हिंदू आतंकवाद शब्द: जेटली

नई दिल्ली। भाजपा ने समझौता विस्फोट मामले में अदालत के फैसले के आलोक में शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए फ र्जी थ्योरी बनाने और हिंदू आतंकवाद कह कर पूरे हिंदू समाज को कलंकित करने के लिए कांग्रेस को पूरे समाज से माफ


वोट के लिए प्रयोग किया हिंदू आतंकवाद शब्द: जेटली नई दिल्ली। भाजपा ने समझौता विस्फोट मामले में अदालत के फैसले के आलोक में शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए फ र्जी थ्योरी बनाने और हिंदू आतंकवाद कह कर पूरे हिंदू समाज को कलंकित करने के लिए कांग्रेस को पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा ने यह टिप्पणी स्वामी असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों को विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्य की कमी के चलते बरी करने वाली अदालत की टिप्पणी के बाद किया। वित्त मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि संप्रग और कांग्रेस के कार्यकाल में जब कोई सबूत नहीं था, तब हिंदू आतंकवाद कह कर, हिंदू समाज को कलंकित करना इतिहास में पहली बार हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के तीन-चार मुकदमे बनाए गए, जिसमें से एक भी टिक नहीं पाया। जेटली ने आरोप लगाया, 'राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने फर्जी थ्योरी बनाई और हिंदू आतंकवाद कह कर पूरे हिंदू समाज को कलंकित किया। उन्होंने कहा कि लोग इसके लिए कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए। आरोपियों के खिलाफ संप्रग सरकार ने सबूत पेश नहीं किए गए। साल 2007, 2008 और 2009 में जांच हुई लेकिन सबूत नहीं सौंपे गए। जेटली ने कहा कि हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बनाने के लिए गलत लोगों को पकड़ा गया। फैसले में विस्तृत तर्क दिए गए हैं। धमाके में मरने वाले आम लोग थे। जो असल में दोषी थे उन्हें कोई सजा नहीं मिली। धमाके में मासूम लोगों की जान चली गई थी। गौरतलब है कि इसी महीने एनआईए की अदालत में इस मामले में सभी चार आरोपियों- नब कुमार सरकार ऊर्फ स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और रजिंदर चौधरी को बरी कर दिया था। समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास विस्फोट हुआ था। उस समय यह गाड़ी अटारी जा रही थी। इस धमाके में 68 लोग मारे गए थे।