होलिका दहन का शुभ मुर्हूत रात 8 बजकर 58 मिनट से

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होलिका दहन का शुभ मुर्हूत रात 8 बजकर 58 मिनट से

रंगों के पर्व होली के लिए महज दो दिन का समय शेष रह गया है। 20 मार्च को होलिका दहन और 21 मार्च को पूरे उत्साह के साथ होली पर्व मनाई जाएगी। इधर शहर के बाजारों में होली की खुमारी अभी से सिर चढ़कर बोलने लगी है। रंगों के पर्व होली के लिए सबसे ज्यादा उत्स


होलिका दहन का शुभ मुर्हूत रात 8 बजकर 58 मिनट सेरंगों के पर्व होली के लिए महज दो दिन का समय शेष रह गया है। 20 मार्च को होलिका दहन और 21 मार्च को पूरे उत्साह के साथ होली पर्व मनाई जाएगी। इधर शहर के बाजारों में होली की खुमारी अभी से सिर चढ़कर बोलने लगी है।
रंगों के पर्व होली के लिए सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों में देखा जा रहा है। इस वर्ष होली 21 मार्च को मनाई जाएगी। 20 मार्च को होलिका दहन के बाद रंगउत्सव प्रारंभ हो जाएगा। फाल्गुन मास की पूर्णिमा 20 मार्च को है, लिहाजा इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुर्हूत रात 8 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो रहा है जो कि अगले दिन 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस लिहाज से पूर्णिमा सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो जाएगा आौरे इसके पश्चात चैत्र कृष्ण प्रतिपदा प्रारंभ हो जाएगा।
होलिका पूजन विधि : होली दहन के पूर्व होलिका का विधि-विधान से पूजा किया जाता है। होलिका दहन करने वाले व्यक्ति को पूजा करते समय उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पूजन करने के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशा, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेंहू की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए और उसके बाद होलिका के चारों ओर परिक्रमा करते हुए होलिका दहन किया जाना चाहिए।
बच्चों में खासा उत्साह :
इधर शहर के बाजारों में होली पर्व को लेकर जोरदार उत्साह देखा जा रहा है। होली पर्व का सबसे ज्यादा इंतजार बच्चों को है। बाजार में आए रंग-बिरंगी टोपियां, नकली विग, तरह-तरह की पिचकारियां और रंग-गुलाल बच्चों को खासा आकर्षित कर रही है। बच्चों की पसंद का ध्यान रखते हुए इस बार बाजार में कार्टून पात्र वाली पिचकारियों की पूरी रेंज मौजूद है।