कॉलेज में प्रेग्नेंट हो गई 18 साल की लड़की, फिर उसके इस एक फैसले से दुनियाभर में हो रही तारीफ...

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कॉलेज में प्रेग्नेंट हो गई 18 साल की लड़की, फिर उसके इस एक फैसले से दुनियाभर में हो रही तारीफ...

ये कहानी अमेरिका के अलास्का की रहने वाली एक लड़की की है। महज 18 साल की उम्र में उसे प्रेग्नेंसी का पता चला। वो अबॉर्शन का फैसला ले सकती थी लेकिन उसने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया ताकि उसे किसी फैमिली को गोद दिया जा सके। गोद देने के बावजूद उसने ब


कॉलेज में प्रेग्नेंट हो गई 18 साल की लड़की, फिर उसके इस एक फैसले से दुनियाभर में हो रही तारीफ...
ये कहानी अमेरिका के अलास्का की रहने वाली एक लड़की की है। महज 18 साल की उम्र में उसे प्रेग्नेंसी का पता चला। वो अबॉर्शन का फैसला ले सकती थी लेकिन उसने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया ताकि उसे किसी फैमिली को गोद दिया जा सके।

गोद देने के बावजूद उसने बच्चे को शुरुआती महीनों में अपना दूध पिलाने का फैसला किया और ऐसा किया भी। वहीं बचने वाला दूध वो एक मिल्क बैंक में भेजने लगीं। इस छोटे से फैसले ने उसे सुर्खियों में ला दिया और पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया।

बात 2014 की है, जब कलीना पाइशर अपने हाईस्कूल के सीनियर ईयर में थीं। इसी बीच उन्हें अपने प्रेग्नेंट होने की बात पता चली। अपनी प्रेग्नेंसी के शुरुआत दिन में ही उसने बहुत मुश्किल फैसला लिया। कलीना चाहती तो अबॉर्शन करा सकती थी लेकिन उसने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया, ताकि उसे किसी परिवार को गोद देकर अच्छी लाइफ दी जा सके।

प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में ही वो अपने एक फैमिली फ्रेंड के कॉन्टैक्ट में आई, जो किसी बच्चे को गोद लेना चाह रहे थे। उसे लगा कि ये परफेक्ट मैच है।  कलीना ने रोज उस कपल से बात करनी शुरू कर दी। वो उन्हें अपने अल्ट्रासाउंड की फोटोज भेजने लगी और उनसे अपने बच्चे से जुड़ी जानकारियां शेयर करने लगी।

करीब 7 महीने बाद कलीना ने इस फैमिली के सामने अपना एक बहुत की अहम अनुरोध रखा। उसने कहा वो अपनी होने वाली बेटी रायली को ब्रेस्टफीड कराना चाहती है। उसने कहा कि वो हॉस्पिटल में उसे जन्म देने के वक्त और बाद के कुछ दिनों तक खुद फीड कराएगी। इसके बाद उसने कुछ महीने अपना ब्रेस्टमिल्क पंप कर उसे पैक करके भेजने का अनुरोध किया।

कलीना ने बताया कि रायली को गोद लेने वाला कपल इस बात के लिए राजी हो गया। वहीं मैं इस बात से खुश थी, गोद देने के बाद भी इसके जरिए बेटी से मेरा कनेक्शन बना रहेगा। उसने कहा कि मुझे उसके लिए दूध भेजने पर हमेशा ऐसा महसूस होता कि मेरी बेटी को अब भी कहीं न कहीं मेरी जरूरत है। मेरी उससे खुद को बहुत जुड़ा हुआ महसूस करती।
कलीना के मुताबिक, रायली को गोद लेने वाली फैमिली भी मुझसे उतना ही अटैच हो गई थी। वो मुझे अपने परिवार का हिस्सा और रायली की असल मां मानती थी। साथ ही मेरे इस काम की तारीफ करती थी।

कलीना पंपिंग के जरिए काफी मात्रा में अपना दूध निकाल रही थीं। बेटी रायली को भेजे वाले दूध से ये कहीं ज्यादा था। ऐसे में होने एक्स्ट्रा दूध को भी इकट्ठा करके इसे कोलोराडो के एक मिल्क बैंक में भेजने का फैसला किया, जहां से ये दूध हॉस्पिटल के इंटेसिव केयर में रखे जाने वाले नवजातों के लिए भेजा जाता है। कलीना के इस फैसले ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था और रातों रात दुनियाभर में मशहूर कर दिया।