बर्थडे पर करनी होती है दोस्त के घर की सफाई, सालों से जारी है परम्परा
नई दिल्ली। ज़रा सोचिए, अगर आपको अपने जन्मदिन में किसी के घर जाकर साफ-सफाई करने के लिए कहा जाए, तो आपको कैसा लगेगा? लेकिन ऐसा जर्मनी में जरूरी है। यह परंपरा भले ही पुरानी है, लेकिन माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए यह जश्न आज भी जारी है। इसके अलावा भी जन्
नई दिल्ली। ज़रा सोचिए, अगर आपको अपने जन्मदिन में किसी के घर जाकर साफ-सफाई करने के लिए कहा जाए, तो आपको कैसा लगेगा? लेकिन ऐसा जर्मनी में जरूरी है।
यह परंपरा भले ही पुरानी है, लेकिन माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए यह जश्न आज भी जारी है। इसके अलावा भी जन्मदिन को लेकर जर्मनी में कई सारी परंपराए हैं, जो सदियों से चली आ रही है।
अगर किसी महिला का जन्मदिन है, तो उसे दरवाजों की कुंडियों को साफ करने का काम मिलता है और अगर पुरुष का जन्मदिन है, तो वह झाड़ू और पोंछे से लेकर सारे छोटे-बड़े काम करता है।
हालांकि यह काम कुछ ही घंटे करवाकर उन्हें मुक्त कर दिया जाता है और अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाने की छूट दे दी जाती है।
जर्मनी के कुछ क्षेत्रों में जन्मदिन के जश्न से कुछ समय पहले अपने जुराबों को दरवाजे के बाहर लटकाया जाता है। पहले के समय में यह परंपराए खासकर उन लोगों के लिए होती थी, जो अविवाहित हैं।
माना जाता था कि साफ-सफाई करने से उनके जीवन से बुरा भाग्य दूर होगा और वह जल्द ही शादी के बंधन में बंध जाएंगे।
यह परंपरा भले ही पुरानी है, लेकिन माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए यह जश्न आज भी जारी है। इसके अलावा भी जन्मदिन को लेकर जर्मनी में कई सारी परंपराए हैं, जो सदियों से चली आ रही है।
अगर किसी महिला का जन्मदिन है, तो उसे दरवाजों की कुंडियों को साफ करने का काम मिलता है और अगर पुरुष का जन्मदिन है, तो वह झाड़ू और पोंछे से लेकर सारे छोटे-बड़े काम करता है।
हालांकि यह काम कुछ ही घंटे करवाकर उन्हें मुक्त कर दिया जाता है और अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाने की छूट दे दी जाती है।
जर्मनी के कुछ क्षेत्रों में जन्मदिन के जश्न से कुछ समय पहले अपने जुराबों को दरवाजे के बाहर लटकाया जाता है। पहले के समय में यह परंपराए खासकर उन लोगों के लिए होती थी, जो अविवाहित हैं।
माना जाता था कि साफ-सफाई करने से उनके जीवन से बुरा भाग्य दूर होगा और वह जल्द ही शादी के बंधन में बंध जाएंगे।