जंक फूड खाने से याददाश्त हो सकती है कमजोर: शोध
शोध में यह दावा किया गया है कि जंक फूड खाने से याददाश्त कमजोर हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक रोजाना फास्ट फूड के सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस चेरुबिन का कहना है कि अध्ययन में इसके
शोध में यह दावा किया गया है कि जंक फूड खाने से याददाश्त कमजोर हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक रोजाना फास्ट फूड के सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस चेरुबिन का कहना है कि अध्ययन में इसके ठोस सुबूत मिले हैं कि फास्ट फूड खाने वाले और एक्सरसाइज नहीं करने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट मसलन डिमेंशिया और मस्तिष्क के सिकुड़ने का खतरा हो सकता है।
टाइप-2 डायबिटीज और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट के बीच संबंध पहले ही स्थापित हो चुका है। लेकिन हमारे अध्ययन से इस बात का पता चलता है कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट और उस जीवनशैली के बीच स्पष्ट जुड़ाव है जिससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। अधेड़ावस्था में पहुंचने के बाद इस तरह के खानपान से होने वाले नुकसान को रोका नहीं जा सकता। इसलिए हम सभी से निवेदन करते हैं कि बचपन से ही पौष्टिक आहार का सेवन करें।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस चेरुबिन का कहना है कि अध्ययन में इसके ठोस सुबूत मिले हैं कि फास्ट फूड खाने वाले और एक्सरसाइज नहीं करने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट मसलन डिमेंशिया और मस्तिष्क के सिकुड़ने का खतरा हो सकता है।
टाइप-2 डायबिटीज और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट के बीच संबंध पहले ही स्थापित हो चुका है। लेकिन हमारे अध्ययन से इस बात का पता चलता है कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता में गिरावट और उस जीवनशैली के बीच स्पष्ट जुड़ाव है जिससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। अधेड़ावस्था में पहुंचने के बाद इस तरह के खानपान से होने वाले नुकसान को रोका नहीं जा सकता। इसलिए हम सभी से निवेदन करते हैं कि बचपन से ही पौष्टिक आहार का सेवन करें।