साल में चार बार लगता है युवतियों का बाजार, नाबालिग लड़कियों का भी सरेआम होता है सौदा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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साल में चार बार लगता है युवतियों का बाजार, नाबालिग लड़कियों का भी सरेआम होता है सौदा

शादी के लिए युवतियों को बेचे जाने को बेहद हीन भावना से देखा जाता है। भारत की ही यदि बात करें तो यहां पर कुछ राज्यों से शादी के लिए लड़कियों की खरीद-फरोख्त की खबरें जरूर आती हैं। इनको लेकर प्रशासन पर भी अंगुली उठती रहती है। लेकिन इन सभी के बीच यह सच


साल में चार बार लगता है युवतियों का बाजार, नाबालिग लड़कियों का भी सरेआम होता है सौदा
शादी के लिए युवतियों को बेचे जाने को बेहद हीन भावना से देखा जाता है। भारत की ही यदि बात करें तो यहां पर कुछ राज्‍यों से शादी के लिए लड़कियों की खरीद-फरोख्‍त की खबरें जरूर आती हैं। इनको लेकर प्रशासन पर भी अंगुली उठती रहती है। लेकिन इन सभी के बीच यह सच है कि इसे समाज में अच्‍छा नहीं माना जाता है।

लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां युवतियों को शादी के लिए बेचना एक रिवाज बन चुका है। यहां पर युवतियों को बेचने का काम मां-बाप ही खुशी-खुशी करते हैं। वहीं युवतियों को भी इसमें कोई बुराई नहीं दिखाई देती है, बल्कि उनके लिए यह सही वर को तलाशने का बेहतर जरिया है।
साल में चार बार लगता है युवतियों का बाजार, नाबालिग लड़कियों का भी सरेआम होता है सौदा

बहरहाल, जिस देश में इस तरह का बाजार सजता है उसका नाम बुल्‍गारिया है। बुल्‍गारिया यूरोपीय संघ का हिस्‍सा है। 2007 में यह यूरोपीय संघ में शामिल हुआ था। जिस मार्किट का हम यहां पर जिक्र कर रहे हैं वह बुल्‍गारिया में बचकोवो मोनेस्‍ट्री के नजदीक लगती है।

बता दें कि जिस समुदाय से युवतियों को बेचा जाता है वो रोमा समुदाय है, जिसकी जड़े भारत से जुड़ी हैं। दरअसल, ऑर्थोडॉक्‍स क्रिस्चियन का एक समुदाय कलायदजी है जो रोमा समुदाय के तहत ही आता है। रोमा समुदाय को यूरोप में वर्षों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

यूरोपीय देशों में हुए अत्‍याचारों को सहते हुए आज भी रोमा समुदाय ने खुद को बचाकर रखा हुआ है। दुनिया के कई देशों में रोमा समुदाय के लोग रहते हैं। भारत की ही बात करें तो यहां पर रोमा समुदाय सम्‍मेलन में भी हिस्‍सा लेते आए हैं। यह उनके लिए गर्व का विषय भी हो सकता है।
साल में चार बार लगता है युवतियों का बाजार, नाबालिग लड़कियों का भी सरेआम होता है सौदा

लेकिन यदि बुल्‍गारिया में रहने वाले रोमा समुदाय की बात करें तो यहां पर आज भी कुछ दकियानूसी परंपराओं से यह लोग पीछा नहीं छुड़ा पाए हैं। यहां पर ज्‍यादातर रोमा युवतियों ने कॉलेज की शक्‍ल तक नहीं देखी है। इसकी वजह भी इस समुदाय का मानसिक पिछड़ापन है, जो युवतियों को आगे बढ़ने से रोकता है।

दरअसल, रोमा समुदाय की युवतियों को होने वाले पहले मासिक धर्म के साथ ही स्‍कूल से निकाल लिया जाता है। इसके बाद उन्‍हें पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाती और उन्‍हें शादी के लायक मान लिया जाता है। यही वजह है कि बुल्‍गारिया में जिन युवतियों को शादी के लिए बेचा जाता है उनमें ज्‍यादातर नाबालिग ही होती हैं।

बुल्‍गारिया में ब्राइडल मार्किट साल में चार बार सजती है। शादी की इच्‍छा रखने वाली युवतियां यहां पर खुद या फिर अपने परिजनों के साथ आती हैं। इसके लिए पूरी तरह से तैयार होकर आती हैं। युवतियों की इच्‍छा में यहां पर लड़के भी होते हैं।

इस बाजार में युवक और युव‍ती अपने पसंद के अनुसार एक दूसरे से बात करते हैं और एक दूसरे से जुड़ी सभी जानकारी लेते हैं। इसमें उनका काम-धंधा, पसंद-नापसंद, परिवार से संबंधित जानकारी शामिल होती है। यहां आने वाले युवकों के लिए जहां युवती का खूबसूरत होना और घर का काम करना सबसे अहम होता है वहीं यु‍वतियों के लिए युवक की आय सबसे अधिक मायने रखती है।