यहां रात को बन जाते हैं हस्बैंड-वाइफ, सुबह अजनबी बनकर चले जाते है अपने-अपने घर

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यहां रात को बन जाते हैं हस्बैंड-वाइफ, सुबह अजनबी बनकर चले जाते है अपने-अपने घर

नई दिल्ली। चीन के यूनान प्रांत में ऐसी ही एक विचित्र विवाह प्रथा है। यहां की लूगू लेक और शीनशूई नदी दोनों ही यालोंग नदी के किनारे स्थित है। इसी भू-भाग में मूसो जनजाति के लोग रहते हैं। यहां जब भी लड़की चाहती है, किसी भी मनपसंद लड़के के साथ शादी कर सक


यहां रात को बन जाते हैं हस्बैंड-वाइफ, सुबह अजनबी बनकर चले जाते है अपने-अपने घरनई दिल्ली। चीन के यूनान प्रांत में ऐसी ही एक विचित्र विवाह प्रथा है। यहां की लूगू लेक और शीनशूई नदी दोनों ही यालोंग नदी के किनारे स्थित है। इसी भू-भाग में मूसो जनजाति के लोग रहते हैं। यहां जब भी लड़की चाहती है, किसी भी मनपसंद लड़के के साथ शादी कर सकती है।

लेकिन इस शादी में लड़का-लड़की दोनों अपने-अपने घर रहते हैं। शादी के बाद लड़का हर रात लड़की के घर जाता है और सुबह फिर अपने घर वापस लौट आता है। उनका रिश्ता तब तक चलता है जब तक दोनों इस रिश्ते को बनाए रखना चाहते हैं।

इस रिश्ते को सभ्य समाज एक तरह से वन-नाइट स्टैंड की संज्ञा दे सकता है लेकिन मातृसत्तात्मक समाज में इसी की स्वीकार्यता है। यहां पति-पत्नी दोनों ही किसी भी तरह के आर्थिक संबंधों से नहीं बंधे होते। दोनों के बीच केवल शारीरिक संबंधों का रिश्ता होता है।

दोनों के बीच केवल आपसी प्रेम और भरोसा का रिश्ता होता है। इस शादी से जो बच्चे पैदा होते हैं उनकी परवरिश भी लड़की के घरवाले ही करते हैं। बच्चे अपनी मां और मां के परिवार के साथ रहते हुए ही बड़े होते हैं और आगे इसी परिपाटी को चलाते हैं।