स्मार्टफोन की वजह से बच्ची का हुआ ऐसा खौफनाक हाल
नई दिल्ली। थाईलैंड में रहने वाली एक फैमिली ने अपनी गलती को लोगों के साथ शेयर किया। उनका मोटिव था कि जो उन्होंने किया, उसे दूसरे पेरेंट्स ना करे। डाचर न्यूसिकेर चोयांग की चार साल की बेटी को स्मार्टफोन की आदत थी। लेकिन ये आदत उसे और उसके परिवार को महं
नई दिल्ली। थाईलैंड में रहने वाली एक फैमिली ने अपनी गलती को लोगों के साथ शेयर किया। उनका मोटिव था कि जो उन्होंने किया, उसे दूसरे पेरेंट्स ना करे। डाचर न्यूसिकेर चोयांग की चार साल की बेटी को स्मार्टफोन की आदत थी। लेकिन ये आदत उसे और उसके परिवार को महंगी पड़ गई।
उनकी बेटी जब 2 साल की थी, तभी से स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगी थी। चार साल की होते होते उसकी आंखों में प्रॉब्लम हो गई। पहले तो पेरेंट्स को लगा कि चश्मे से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्ची को लेजी आई नाम की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी को एम्लीयोफिया भी कहते हैं। इसमें हमारा दिमाग आंखों में दिखने वाली तस्वीरों को सेंस नहीं कर पाता। इस कारण हमें दिखाई देना बंद हो जाता है।
बच्ची के पिता डाचर ने अपनी बेटी के साथ हुई इस घटना को फेसबुक पर शेयर किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने लिखा कि पहले तो उन्हें लगा कि चश्मा लगने से बेटी की आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी। लेकिन अब उसकी सर्जरी होगी। ये सब हुआ ज्यादा मोबाइल देखने के कारण। साथ ही उन्होंने दूसरे पेरेंट्स से भी अपने बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल ना करने देने की अपील की।
आई स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक, बच्चों को दो घंटे से ज्यादा मोबाइल या टीवी नहीं देखने देना चाहिए। अगर उनकी उम्र 2 से 5 है, तो एक घंटे मोबाइल का इस्तेमाल करने देना चाहिए। अगर इससे ज्यादा यूज किया जाए, तो उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
उनकी बेटी जब 2 साल की थी, तभी से स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगी थी। चार साल की होते होते उसकी आंखों में प्रॉब्लम हो गई। पहले तो पेरेंट्स को लगा कि चश्मे से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्ची को लेजी आई नाम की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी को एम्लीयोफिया भी कहते हैं। इसमें हमारा दिमाग आंखों में दिखने वाली तस्वीरों को सेंस नहीं कर पाता। इस कारण हमें दिखाई देना बंद हो जाता है।
बच्ची के पिता डाचर ने अपनी बेटी के साथ हुई इस घटना को फेसबुक पर शेयर किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने लिखा कि पहले तो उन्हें लगा कि चश्मा लगने से बेटी की आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी। लेकिन अब उसकी सर्जरी होगी। ये सब हुआ ज्यादा मोबाइल देखने के कारण। साथ ही उन्होंने दूसरे पेरेंट्स से भी अपने बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल ना करने देने की अपील की।
आई स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक, बच्चों को दो घंटे से ज्यादा मोबाइल या टीवी नहीं देखने देना चाहिए। अगर उनकी उम्र 2 से 5 है, तो एक घंटे मोबाइल का इस्तेमाल करने देना चाहिए। अगर इससे ज्यादा यूज किया जाए, तो उनकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है।