नर्क से भी बदतर है यहां की वैश्याओं का हाल...

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नर्क से भी बदतर है यहां की वैश्याओं का हाल...

भारत में सरकारी नियमों के अनुसार बच्चा पैदा होने पर महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है। लेकिन ये सुविधा हर महिला को नसीब नहीं होती। कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें काम पर वापस लौटना पड़ता है, जिसके पीछे की वजह है उनकी गरीबी। इग्लैंड में एक ऐसी


नर्क से भी बदतर है यहां की वैश्याओं का हाल...
भारत में सरकारी नियमों के अनुसार बच्चा पैदा होने पर महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है। लेकिन ये सुविधा हर महिला को नसीब नहीं होती। कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें काम पर वापस लौटना पड़ता है, जिसके पीछे की वजह है उनकी गरीबी।
इग्लैंड में एक ऐसी ही खबर सामने आई है। यहां के न्यूज पेपर ‘हल डेली मेल’ में छपी एक खबर के मुताबिक, यहां एक वेश्या को अपनी डिलीवरी के आधे घंटे बाद ग्राहक लेने लौटना पड़ा। इग्लैंड में रेड लाइट एरिया में वेश्याओं के हक में काम करने वाली संस्था जैकी फेयरबैंक्स ने ‘हल डेली मेल’ से बात करते हुए इंग्लैंड की वेश्याओं के नरकीय जीवन के बारे में बताया है।
यहां रेड लाइट एरिया में काम करने वाली कई महिलाओं के साथ बचपन में मानसिक और शारीरिक शोषण हुआ है। साथ ही इनमें से कई हिंसा का भी शिकार हुई हैं। इस धंधे में आई कई लड़कियां और महिलाएं ऐसी हैं, जो बेघर हैं या उनके बॉयफेंड या दलाल ने उन्हें झांसा देकर यहां बेच दिया है।
फेयरबैंक्स के अनुसार, यहां वेश्याएं गरीबी के चलते अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करती हैं। इनमें से एक तो इसलिए धंधे पर निकली क्योंकि उसे अपनी खराब वॉशिंग मशीन सही करानी थी।फेयरबैंक्स के अनुसार, ये वेश्याएं चाहे कितने भी बुरे हालात को क्यूं न झेले लेकिन वो कभी पुलिस के पास या मदद के लिए नहीं जाती। क्योंकि इनका कहना है कि पुलिस द्वारा उन्हें न ही सम्मान और न ही किसी मदद की उम्मीद है।