नॉर्थ कोरिया की महिला सैनिकों का दर्द, 'रेप' होना आम बात

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नॉर्थ कोरिया की महिला सैनिकों का दर्द, 'रेप' होना आम बात

नॉर्थ कोरिया में रहना जितना आम नागरिकों के लिए कठिन है, उतना ही सैनिकों के लिए मुश्किल है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना में महिलाओं की जिंदगी इतनी कठिन है कि यहां उनका रेप होना मामूली बात है। हालात के चलते असमय उनके पीरियड्स ठहर जाते हैं। ये बातें


नॉर्थ कोरिया की महिला सैनिकों का दर्द, 'रेप' होना आम बात
नॉर्थ कोरिया में रहना जितना आम नागरिकों के लिए कठिन है, उतना ही सैनिकों के लिए मुश्किल है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना में महिलाओं की जिंदगी इतनी कठिन है कि यहां उनका रेप होना मामूली बात है। हालात के चलते असमय उनके पीरियड्स ठहर जाते हैं।

ये बातें ली सो यियोन (41) नाम की पूर्व सैनिक ने बताई हैं। उनके घर से कई लोग सेना में थे, जिसके बाद 1990 में वह भी इसमें शामिल हुईं। तब उन्हें रोजाना एक वक्त का खाना देने का वादा किया गया था। वह 10 साल तक ऐसे कमरे में रहीं, जहां उन्हें दो दर्जन महिलाओं के साथ कमरा साझा करना पड़ा।

हर किसी को सामान रखने के लिए दराज दी जाती थी, जिसके ऊपर वे वहां के नेता किम-II संग और उनके बेटे किम जोंग इल की तस्वीरें रखी रहती थीं। सेना छोड़े दशक भर से अधिक वक्त हो गया, मगर कड़वी यादें आज भी उन्हें झकझोर देती हैं।

वह बताती हैं कि सोने के लिए चावल के छिलके की दरी/गद्दा मिलता था। हर जगह उसी की दुर्गंध आती थी। ऊपर से यहां ठीक से नहाने की व्यवस्था भी नहीं थी। गर्म पानी नहीं मिलता है। नल की लाइन पहाड़ियों से आने वाले पानी से जुड़ी होती थी, जिससे कभी-कभार मेंढक और सांप भी आ जाते थे।

‘नॉर्थ कोरियाज हिडेन रेवोल्यूशन’ के लेखक जियून बेक ने बताया कि सेना में शामिल हुई महिलाओं में से बहुत से श्रमिक वर्ग के तौर पर काम लिया गया। जबकि अन्य को दुराचार, शोषण और सेक्सुअल हिंसा का शिकार होना पड़ा।
-सांकेतिक तस्वीर