इस रेस्टोरेंट में खाने की कोई कीमत नहीं, जितने मर्जी उतने पैसे दो
अलबामा में एक अनोखा होटल खुला है, जहां ताजा खाना-खाने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है। इस रेस्टोरेंट की खास बात यह है कि यहां मिलने वाले खाने की कोई कीमत तय नहीं है। जिसके पास जितने पैसे हों, वह उतने पैसे देकर यहां खाना खा सकता है। कुछ लोग जो बिल्क
अलबामा में एक अनोखा होटल खुला है, जहां ताजा खाना-खाने के लिए लोगों की लाइन लगी रहती है। इस रेस्टोरेंट की खास बात यह है कि यहां मिलने वाले खाने की कोई कीमत तय नहीं है।
जिसके पास जितने पैसे हों, वह उतने पैसे देकर यहां खाना खा सकता है। कुछ लोग जो बिल्कुल भी पैसे नहीं दे सकते हैं, वे रेस्टोरेंट में खाना खाने के बदले में लोगों को खाना परोसकर देते हैं।
हर दिन भूखे लोग दोपहर के भोजन के लिए रेस्टोरेंट खुलने से पहले ड्रेक्सेल एंड हनीबी के रेस्तरां के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग तीन या पांच डॉलर दान पेटी में डालकर चले जाते हैं।
वहीं कभी-कभी, मालिक यह देखकर भी हैरान हो जाते हैं को कोई 500 डॉलर या 1,000 डॉलर के चेक पड़े होते हैं। लोग अक्सर दरवाजे पर घर में बनई गई चीजों को रेस्टोरेंट के दरवाजे पर छोड़कर चले जाते हैं।
जिसके पास जितने पैसे हों, वह उतने पैसे देकर यहां खाना खा सकता है। कुछ लोग जो बिल्कुल भी पैसे नहीं दे सकते हैं, वे रेस्टोरेंट में खाना खाने के बदले में लोगों को खाना परोसकर देते हैं।
हर दिन भूखे लोग दोपहर के भोजन के लिए रेस्टोरेंट खुलने से पहले ड्रेक्सेल एंड हनीबी के रेस्तरां के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग तीन या पांच डॉलर दान पेटी में डालकर चले जाते हैं।
वहीं कभी-कभी, मालिक यह देखकर भी हैरान हो जाते हैं को कोई 500 डॉलर या 1,000 डॉलर के चेक पड़े होते हैं। लोग अक्सर दरवाजे पर घर में बनई गई चीजों को रेस्टोरेंट के दरवाजे पर छोड़कर चले जाते हैं।