पैदल चलने वालों को 21% तक ब्याज देता है ये बैंक...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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पैदल चलने वालों को 21% तक ब्याज देता है ये बैंक...

बैंक में खाता रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि जमा पर ब्याज की दर घटती-बढ़ती रहती है। ब्याज घटना या बढ़ना आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। यह कभी ग्राहक की शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर नहीं करता। यूक्रेन के मोनो बैंक ने एक अनूठी पहल की है। पैदल चलने


पैदल चलने वालों को 21% तक ब्याज देता है ये बैंक...बैंक में खाता रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि जमा पर ब्याज की दर घटती-बढ़ती रहती है। ब्याज घटना या बढ़ना आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। यह कभी ग्राहक की शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर नहीं करता। यूक्रेन के मोनो बैंक ने एक अनूठी पहल की है। पैदल चलने को बढ़ावा देने के लिए उसने ब्याज दर को इससे जोड़ दिया है।

पैदल चलने वालों को 21% तक ब्याज देता है ये बैंक...
शर्त यह है कि रोजाना कम से कम 10,000 कदम चलना पड़ेगा। मोनो यूक्रेन का नया बैंक है। इसकी स्थापना 2015 में हुई थी। तीन साल में इसके ग्राहकों की संख्या 5 लाख से ज्यादा हो चुकी है।

ज्यादा ब्याज वाले खाते को स्पोर्ट्स डिपॉजिट अकाउंट नाम दिया गया है। ग्राहकों को स्मार्टफोन में एक हेल्थ ऐप डाउनलोड करना पड़ता है। यह उनकी शारीरिक गतिविधियों की मॉनिटरिंग करता है। ऐप का डाटा बैंक के पास रहता है। इस तरह बैंक देख सकता है कि उसके ग्राहक कितना पैदल चलते हैं।

मोनो बैंक के जो ग्राहक रोजाना कम से कम 10,000 कदम चलते हैं, उन्हें बचत खाते पर 21% ब्याज मिलता है। लेकिन, कोई लगातार तीन दिन तक इससे कम चलता है तो उसे सिर्फ 11% की दर से ब्याज मिलता है। इस समय बैंक के करीब 50% ग्राहक 21% की दर से ब्याज ले रहे हैं। बैंक ने लगभग दोगुने ब्याज का ऑफर यह सोच कर रखा है कि कोई भी व्यक्ति रोजाना इतना पैदल नहीं चल सकता। खासकर यह देखते हुए कि यूक्रेन की राजधानी कीव में कड़ाके की सर्दी पड़ती है।

ज्यादा ब्याज के लिए लोग इसे चैलेंज के तौर पर ले रहे हैं। ऐसे ही एक ग्राहक एलेक्सी ड्रोजडोव ने कहा कि वह हर शाम पैदल चलते हैं। उन्हें इसमें मजा भी आता है क्योंकि हर दिन इस में खुद को साबित भी करना पड़ता है।

मोनो बैंक के तीन सीईओ हैं- डिमा डुबिलेट, मिशा रोगाल्सकी और ओलेग गोरोखोवस्की। ग्राहकों को पैदल चलाने का आइडिया इन तीनों का है। ब्रिटेन की तरह यूक्रेन में भी मोटापे की बीमारी बढ़ रही है। इसे कम करना भी इस योजना का एक मकसद है।