ये रहस्यमयी देश है 25 साल से दुनिया से अलग-थलग
उत्तर कोरिया और चीन को दुनिया का ऐसा देश कहा जाता है, जिनकी कोई भी खबर सरकार के बिना बाहर नहीं आती। लेकिन एशिया में तुर्कमेनिया नाम से पहचाने जाने वाले तुर्कमेनिस्तान भी ऐसा ही देश है, जो स्वतंत्र देश होने के बाद से ही दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग पड़ा
उत्तर कोरिया और चीन को दुनिया का ऐसा देश कहा जाता है, जिनकी कोई भी खबर सरकार के बिना बाहर नहीं आती। लेकिन एशिया में तुर्कमेनिया नाम से पहचाने जाने वाले तुर्कमेनिस्तान भी ऐसा ही देश है, जो स्वतंत्र देश होने के बाद से ही दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग पड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तुर्कमेनिस्तान 1991 में सोवियत यूनियन से अलग हुआ, जिसके बाद सपरमारुत नियाज़ोव ने यहां की सत्ता संभाली। अपने कार्यकाल में नियाजोव एक तानाशाह की तरह उभरे।
तुर्कमेनिस्तान में सपरमारुत नियाज़ोव ने बड़ी तेजी से कम्युनिस्ट पार्टी में अपनी जगह बनाई। 1991 में उन्होंने गोर्बाचेव को उखाड़ फेंकने के लिए तख्तापलट का समर्थन किया । इसके बदले स्थानीय सुप्रीम सोवियत ने इनाम में उन्हें आजाद देश का राष्ट्रपति बना दिया गया। सच्चाई ये भी थी कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नयाजोव ही मैदान में अकेले उम्मीदवार थे।
तानाशाह होने के बावजूद देश में उन्होंने अच्छा काम किया, तभी 1994 में देश के 99.9 फीसदी लोगों ने उनका कार्यकाल 10 साल करने के लिए वोट किया था। 2006 में नियाजोव की मौत हो गई। दो साल बाद ही उनका कार्यकाल भी खत्म हो रहा था। उनकी मौत के बाद 2007 में गुरबंगुली बर्दिमुहम्मेदो को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया।
करीब 50 लाख आबादी वाले इस देश में लोगों को मुफ्त प्राकृतिक गैस समेत तमाम सुविधाएं मिलती हैं।