ये महिला सूंघकर पता कर लेती है कैंसर है या नहीं...
जो मैलोन करोड़पति बिजनेस वुमन हैं, जिसका सेंट का विशाल करोबार है। इस काम के लिए महक की अच्छी जानकारी होना बेहद अहम है। जो मैलोन के पास सूंघने की जबरदस्त शक्ति, जिसके चलते वह इस बिजनेस पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं। उनकी नाक किसी डॉगी से भी ज्यादा संवेद
जो मैलोन करोड़पति बिजनेस वुमन हैं, जिसका सेंट का विशाल करोबार है। इस काम के लिए महक की अच्छी जानकारी होना बेहद अहम है। जो मैलोन के पास सूंघने की जबरदस्त शक्ति, जिसके चलते वह इस बिजनेस पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं।
उनकी नाक किसी डॉगी से भी ज्यादा संवेदनशील है और वह सूंघकर ही बता सकती हैं कि किसी व्यक्ति को कैंसर है या नहीं। वह खुद भी साल 2003 से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं। बावजूद इसके वह किसी के भी शरीर में होने वाले रासायनिक परिवर्तन का पता करके बता सकती हैं कि उसे कैंसर है या नहीं।
उनके इस जबरदस्त टैलेंट का पता करने के लिए मिल्टन केन्स में मेडिकल डिटेक्शन डॉग सेंटर में परीक्षण के बाद उन्हें अपनी इस काबिलियत के बारे में पता चला।
वह तेल में मिले अमील एसीटेट की पहचान भी कर सकती, जबकि वह दस लाख में एक हिस्से के बराबर मात्रा में मिला हुआ था। मैलोन की सफलता इस तथ्य के लिए काफी मायने रखती है कि वह सिनास्टेसिया से ग्रस्त हैं। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें सेंस (इंद्रियां) ओवरलैप होती हैं। यानी वह ध्वनि और रंग की व्याख्या गंध की तरह करती हैं। जब वह सफेद और बैंगनी रंग देखती हैं, तो यूकेलिप्टस और ब्लैककरंट की गंध महसूस होती है।
उनकी नाक किसी डॉगी से भी ज्यादा संवेदनशील है और वह सूंघकर ही बता सकती हैं कि किसी व्यक्ति को कैंसर है या नहीं। वह खुद भी साल 2003 से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं। बावजूद इसके वह किसी के भी शरीर में होने वाले रासायनिक परिवर्तन का पता करके बता सकती हैं कि उसे कैंसर है या नहीं।
उनके इस जबरदस्त टैलेंट का पता करने के लिए मिल्टन केन्स में मेडिकल डिटेक्शन डॉग सेंटर में परीक्षण के बाद उन्हें अपनी इस काबिलियत के बारे में पता चला।
वह तेल में मिले अमील एसीटेट की पहचान भी कर सकती, जबकि वह दस लाख में एक हिस्से के बराबर मात्रा में मिला हुआ था। मैलोन की सफलता इस तथ्य के लिए काफी मायने रखती है कि वह सिनास्टेसिया से ग्रस्त हैं। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें सेंस (इंद्रियां) ओवरलैप होती हैं। यानी वह ध्वनि और रंग की व्याख्या गंध की तरह करती हैं। जब वह सफेद और बैंगनी रंग देखती हैं, तो यूकेलिप्टस और ब्लैककरंट की गंध महसूस होती है।