बिना GYM, एक्सरसाइज के इस महिला ने कम किया 49KG वजन...
सिडनी में रहने वाली टेरेसा वेनेटोलिस दो बच्चों की मां हैं। उम्र है 32 साल। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहने वाली इन मोहतरमा का दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद वजन 103 किलो हो गया था। जबरदस्त बात ये है कि उन्होंने 10 महीने में अपना वजन 49 किलो कम कर लिया ह
सिडनी में रहने वाली टेरेसा वेनेटोलिस दो बच्चों की मां हैं। उम्र है 32 साल। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहने वाली इन मोहतरमा का दूसरी प्रेग्नेंसी के बाद वजन 103 किलो हो गया था। जबरदस्त बात ये है कि उन्होंने 10 महीने में अपना वजन 49 किलो कम कर लिया है। वो भी बिना जिम में पसीना बहाए।
बेटे लियाम और बेटी फेथ के जन्म के बाद 103 किलो की हो चुकीं टेरेसा अब 54 किलो की हैं। ओवरएक्टिव हारमोन्स के कारण उनका वजन इस कदर बढ़ गया था। उनकी हालत इस मामले में और बुरी तब हो गई, जब उन्हें PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) हो गया। इसके बाद उनके लिए वजन घटना मुश्किल काम हो गया। वह अपना वजन 50 किलो तक करने का लक्ष्य रखती हैं।
‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, टेरेसा बताती हैं कि वह पहले कभी इस कदर मोटी नहीं थीं। वह हमेशा स्लिम-ट्रिम फिगर वाली रही हैं। टेरेसा कहती हैं, ‘मैंने बहुत कुछ ट्राय किया। जिम गई, हर दिल दौड़ती थी। जिम के हिसाब से डाइट भी कंट्रोल करने लगी। लेकिन कुछ काम नहीं आया और वजन बढ़ता गया।’
टेरेसा के लिए मुश्किल तब शुरू हुई, जब सिंड्रोम से पीड़ित होने के बाद उन्होंने जिम जाना शुरू किया। उन्हें उम्मीद थी कि 2 किलो तो वजन कम हुआ ही होगा, लेकिन घटने की बजाय उनका वजन 5 किलो बढ़ गया। यह उन्हें नाउम्मीदी की कगार पर ले गया।
अब टेरेसा के पास दो ही विकल्प बचे थे: या तो वह इस सच को स्वीकार कर ले कि वह ताउम्र ऐसी ही रहेंगी। या फिर केटोजेनिक डाइट ले। केटोजेनिक आहार एक हाई फैट, पर्याप्त प्रोटीन, कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन है। इसे दवा के तौर पर मुख्य रूप से बच्चों में मिर्गी का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह आहार शरीर को कार्बोहाइड्रेट की बजाय फैट बर्न के लिए मजबूर करता है।
टेरेसा कहती हैं, ‘मैंने कभी केटोजेनिक डाइट के बारे में नहीं सुना था, इसलिए पहले एक महीने मैंने इस पर रिसर्च करने की सोची। रिसर्च के बाद मैंने तय किया कि मैं यह करने वाली हूं। पहले दो महीनों में मैंने 15 किलो तक वजन कम किया। मैं खुद भी चौंक गई थी, क्योंकि इससे पहले मेरी कड़ी मेहनत का भी कोई असर नहीं हुआ था।’
टेरेस हंसते हुए कहती हैं, ‘एक्सरसाइज के तौर पर मैं बस इतना करती थी कि अपने बच्चों को पैदल छोड़ने स्कूल जाती थी और घर के कामकाज करती थी। मैंने अपना पूरा ध्यान डाइट पर लगा दिया। मैंने कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह किनारा कर लिया और हाई प्रोटीन और हेल्दी फैट वाले भोजन को करना शुरू किया।’
टेरेसा कहती हैं कि यह बेस्ट डाइट है। हमसे हमेशा कहा जाता है कि कम वसा (फैट) या बिना वसा वाला भोजन करें, जबकि असल में हमारे शरीर को हेल्दी फैट की जरूरत है। केटोजेनिक डाइट अब मेरी लाइफस्टाइल का हिस्सा है। टेरेसा के डाइट प्लान में आंशिक उपवास भी शामिल है। मतलब वो सुबह 11 बजे नाश्ता करने और 2 बजे दिन में खाना खाने के बाद अगले दिन सुबह में ही फिर भोजन करती हैं। वह कहती हैं, ‘शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन बाद में आपके शरीर को इसकी आदत हो जाती है। ऐसे दिनों में नाश्ता और खाना दोनों बहुत हेवी होता है।’
टेरेसा के मुताबिक, दुबली-पतली काया से ज्यादा जरूरी है स्वस्थ रहना। वह कहती हैं, ‘मुझे खुशी है कि अब मैं अपने बच्चों के साथ खूब खेलती हूं। उनके साथ दौड़-भाग करती हूं। अब मेरे अंदर पहले से ज्यादा आत्मविश्वास है।’
बेटे लियाम और बेटी फेथ के जन्म के बाद 103 किलो की हो चुकीं टेरेसा अब 54 किलो की हैं। ओवरएक्टिव हारमोन्स के कारण उनका वजन इस कदर बढ़ गया था। उनकी हालत इस मामले में और बुरी तब हो गई, जब उन्हें PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) हो गया। इसके बाद उनके लिए वजन घटना मुश्किल काम हो गया। वह अपना वजन 50 किलो तक करने का लक्ष्य रखती हैं।
‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, टेरेसा बताती हैं कि वह पहले कभी इस कदर मोटी नहीं थीं। वह हमेशा स्लिम-ट्रिम फिगर वाली रही हैं। टेरेसा कहती हैं, ‘मैंने बहुत कुछ ट्राय किया। जिम गई, हर दिल दौड़ती थी। जिम के हिसाब से डाइट भी कंट्रोल करने लगी। लेकिन कुछ काम नहीं आया और वजन बढ़ता गया।’
टेरेसा के लिए मुश्किल तब शुरू हुई, जब सिंड्रोम से पीड़ित होने के बाद उन्होंने जिम जाना शुरू किया। उन्हें उम्मीद थी कि 2 किलो तो वजन कम हुआ ही होगा, लेकिन घटने की बजाय उनका वजन 5 किलो बढ़ गया। यह उन्हें नाउम्मीदी की कगार पर ले गया।
अब टेरेसा के पास दो ही विकल्प बचे थे: या तो वह इस सच को स्वीकार कर ले कि वह ताउम्र ऐसी ही रहेंगी। या फिर केटोजेनिक डाइट ले। केटोजेनिक आहार एक हाई फैट, पर्याप्त प्रोटीन, कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन है। इसे दवा के तौर पर मुख्य रूप से बच्चों में मिर्गी का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह आहार शरीर को कार्बोहाइड्रेट की बजाय फैट बर्न के लिए मजबूर करता है।
टेरेसा कहती हैं, ‘मैंने कभी केटोजेनिक डाइट के बारे में नहीं सुना था, इसलिए पहले एक महीने मैंने इस पर रिसर्च करने की सोची। रिसर्च के बाद मैंने तय किया कि मैं यह करने वाली हूं। पहले दो महीनों में मैंने 15 किलो तक वजन कम किया। मैं खुद भी चौंक गई थी, क्योंकि इससे पहले मेरी कड़ी मेहनत का भी कोई असर नहीं हुआ था।’
टेरेस हंसते हुए कहती हैं, ‘एक्सरसाइज के तौर पर मैं बस इतना करती थी कि अपने बच्चों को पैदल छोड़ने स्कूल जाती थी और घर के कामकाज करती थी। मैंने अपना पूरा ध्यान डाइट पर लगा दिया। मैंने कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह किनारा कर लिया और हाई प्रोटीन और हेल्दी फैट वाले भोजन को करना शुरू किया।’
टेरेसा कहती हैं कि यह बेस्ट डाइट है। हमसे हमेशा कहा जाता है कि कम वसा (फैट) या बिना वसा वाला भोजन करें, जबकि असल में हमारे शरीर को हेल्दी फैट की जरूरत है। केटोजेनिक डाइट अब मेरी लाइफस्टाइल का हिस्सा है। टेरेसा के डाइट प्लान में आंशिक उपवास भी शामिल है। मतलब वो सुबह 11 बजे नाश्ता करने और 2 बजे दिन में खाना खाने के बाद अगले दिन सुबह में ही फिर भोजन करती हैं। वह कहती हैं, ‘शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन बाद में आपके शरीर को इसकी आदत हो जाती है। ऐसे दिनों में नाश्ता और खाना दोनों बहुत हेवी होता है।’
टेरेसा के मुताबिक, दुबली-पतली काया से ज्यादा जरूरी है स्वस्थ रहना। वह कहती हैं, ‘मुझे खुशी है कि अब मैं अपने बच्चों के साथ खूब खेलती हूं। उनके साथ दौड़-भाग करती हूं। अब मेरे अंदर पहले से ज्यादा आत्मविश्वास है।’